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नकदी से छोड़ी यारी, बिना कैश कर रहे खरीदारी

पूर्णिया। धमदाहा एवं बीकोठी के प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजार सहित ग्रामीण इलाकों में कैशलेस व्यवस्था का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है।

By Edited By: Published: Tue, 10 Jan 2017 06:55 PM (IST)Updated: Tue, 10 Jan 2017 06:55 PM (IST)
नकदी से छोड़ी यारी, बिना कैश कर रहे खरीदारी

पूर्णिया। धमदाहा एवं बीकोठी के प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजार सहित ग्रामीण इलाकों में कैशलेस व्यवस्था का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। धमदाहा के मुख्य बाजार, मीरगंज बाजार सहित ग्रामीण इलाकों में भी बड़ी संख्या में लोग स्वाइप मशीनों पेटीएम से भुगतान कर कैशलेस इंडिया मुहिम में भागीदार बनकर इसे आगे बढ़ा रहे हैं। वर्तमान समय में धमदाहा एवं बीकोठी प्रखंड में राशन, मिठाई, कॉस्मेटिक, लाइन होटल, पेट्रोल पंप, मोबाइल रिचार्ज, इलेक्ट्रॉनिक्स, हार्डवेयर, दवा, कपड़ा, जूते सहित दर्जनों अन्य दुकानदारों के यहां कैशलेस व्यवस्था के तहत खरीदारी एवं भुगतान की व्यवस्था है। लोग इस सुविधा के तहत अपनी रोजमर्रा की जरूरत के सामानों की खरीदारी कर रहे हैं और इस व्यवस्था का लाभ उठाने में महिलाएं भी पुरूषों से पीछे नहीं हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं भी कैशलेस व्यवस्था से भुगतान कर रही है। इस व्यवस्था के तहत खरीदारी करने आए लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा 8 दिसंबर को लिए गए नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले के बाद कैश की किल्लत होने से कुछ दिनों तक हमें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन दुकानदारों द्वारा कैशलेस व्यवस्था शुरू किए जाने से हम सबकी परेशानी काफी हद तक कम हो गई। अब हमलोग बिना कैश के भी इस व्यवस्था के तहत आसानी से खरीदारी रहे हैं। इससे हमें जहां नकद लेनदेन की झंझट से छुटकारा मिल रहा है। कैशलेस व्यवस्था मुहैया कराने वाले दुकानदारों ने बताया कि नोटबंदी लागू होने के बाद हमारा व्यवसाय बिल्कुल ठप पर गया था क्योंकि लोगों के पास नकदी थी ही नहीं इस दौरान जो भी ग्राहक दुकान पर आता वो हमसे कैशलेस खरीदारी की सुविधा की मांग करता। इसके बाद बिना नकदी खरीदारी करने की व्यवस्था शुरू की। इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद जहां लोगों ने कैशलेश व्यवस्था में काफी दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी और हमारा व्यवसाय धीरे-धीरे पटरी पर लौटना शुरू हो गया है। यद्यपि अभी भी 60 प्रतिशत से ज्यादा लोग कैशलेस व्यवस्था से अंजान है लेकिन न सिर्फ शहरी बल्कि ग्रामीण इलाके के लोग भी बड़ी तेजी से इस व्यवस्था को अपनाने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

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