ईंट की कीमतों में वृद्धि से लोग परेशान
श्रीनगर (पूर्णिया), निसं : ईट की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि होने से गरीबों को आवास बनाने का सपना चकनाचूर होता नजर आ रहा है। प्रखंड क्षेत्र में ईट की कीमत बढ़ने से आम लोगों के भवन बनाने का सपना अधूरा ही रह रहा है। क्षेत्र में ईट की दर निर्धारित नहीं रहने के कारण ईट भट्ठा संचालक मनमाने दरों पर ईट की बिक्री कर रहे हैं। अन्य जगहों के मुताबिक यहां ईट की कीमतों में दो से पांच सौ रूपए अधिक देना पड़ता है। फिर भी ईट की लंबाई, मोटाई, चौड़ाई व पकाई में भी कुछ न कुछ कमी रहती है। राज्य एवं जिला प्रशासन के द्वारा प्रखंडों में आयोजित इंदिरा आवास कैंप लगाकर पासबुक वितरण किया तो गया है लेकिन गरीबों को अपना आवास बनाने का सपना अधूरा ही रह जाएगा। क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर ईट मनमाने दरों पर बिक्री की जा रही है। वर्तमान में 4500 सौ से 5500 सौ रूपए प्रति हजार एक नंबर ईट, 4000 से 4500 सौ रूपए दो व 2000 से 3000 हजार रूपए तीन नंबर ईट की बिक्री प्रति हजार हो रही है। इससे ईट विक्रेता मनमाना लाभ पा रहे हैं। भट्ठा संचालक बताते हैं कि ईट का मूल्य बढ़ने का मुख्य कारण कोयला, मिट्टी, मजदूरी के दरों में वृद्धि है। अगर सरकारी दर पर ईट बेचेगें तो अपने परिवार का भरण-पोषण भी नहीं कर पाएंगे। क्षेत्र के लोगों ने जिला प्रशासन से सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर ईट उपलब्ध करावाने की मांग की है।
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