आदिम युग में जी रहे हैं साधुपुर के ग्रामीण
पूर्णिया। रूपौली के कई गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। यहां के दियारा क्षेत्र में अभी तक
पूर्णिया। रूपौली के कई गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। यहां के दियारा क्षेत्र में अभी तक एक इंच पक्की सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर कोसी नदी के उत्तरी किनारे लगभग 20 किलोमीटर की लंबाई तथा दो किलोमीटर की चौड़ाई में फैला कोशकीपुर से विजय तक दियारा क्षेत्र में तीन पंचायत कोयली सिमड़ा पूरब, भौवा प्रबल एवं विजय लालगंज पंचायत के लोगों की आबादी है जिसमें भौवा प्रबल पंचायत पूरी तरह से अविकसित है तथा यहां अभी तक किसी भी गांव में पक्की सड़क नहीं बन पाई है। सबसे बड़ी मुश्किल यहां आवागमन को लेकर है। यहां जैसे ही वर्षा होती है, आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाती है। हर गांव के आसपास नदी की सूखी हुई धारा हैं, जिससे जैसे ही वर्षा होती है, धार में पानी जम जाता है तथा आवागमन बंद हो जाता है। इसमें मुख्य रूप से साधुपुर गांव जिसकी आबादी लगभग पांच हजार है। आज तमाम बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहां ना तो सड़क है, ना स्कूल है, ना अस्पताल है, बिजली भी लगी है पर तार ऐसा लटका है कि लोगों के हमेशा ही सिर पर मौत नाचती नजर आती है कि पता नहीं कब इसके लोग शिकार हो जाएं। इस संबंध में यहां के पूर्व पंचायत समिति सदस्य जुगनू कुमार शर्मा, अजय मंडल आदि कहते हैं कि वे तमाम बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। एक दशक पूर्व यहां पूर्व सांसद के प्रयास से जंगलटोला साधोपुर, मंझोडीह होते हुए डुमरी घाट तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क का निर्माण जरूर शुरू हुई, पर वह आज तक अधर में लटका हुआ है। खासकर जब बरसात का समय आता है, तब यहां का ²श्य काफी भयावह हो जाता है, कब किसकी जान जाएगी कहना मुश्किल हो जाता है। नाव ही आवागमन का सहारा रहता है।