घर आना हुआ दुश्वार नहीं जमेगी होली इसबार
पूर्णिया। इसबार होली में घर नहीं आ सकूंगा, टिकट नहीं मिल रहा है। ऐसा करना बच्चों के लिए तुम कपड़ा खरी
पूर्णिया। इसबार होली में घर नहीं आ सकूंगा, टिकट नहीं मिल रहा है। ऐसा करना बच्चों के लिए तुम कपड़ा खरीद लेना, बाजार जाना तो रंग अबीर और पिचकारी भी खरीद लेना। इस तरह का फोन कर इन दिनों हर दिन बाहर से लोग होली में नहीं आ सकने की जानकारी दे रहे हैं। फोन रखते ही रिसीव करने वालों की होली के रंगीन होने की खुशी काफूर हो जाती है। उनके होली में घर नहीं आने की जानकारी से इनकी होली नहीं जमने की बात तय है।
जिले में उद्योग धंधों का अभाव लोगों को परदेस जाने के लिए मजबूर कर देता है। लिहाजा बड़ी संख्या में लोग रोजी-रोटी के लिए अन्य प्रदेशों में रहते हैं। इनका होली, दशहरा और ईद जैसे पर्वों के मौके पर घर लौटना होता है। ये ऐसे मौके होते हैं जब लोगों को अपने लोगों के मिलने की आस जगती है। परदेस गए लोग और घरों में परिजन घर लौटने के दिन गिनते रहते हैं। बच्चों को भी अपने लिए नए कपड़े, रंग-गुलाल का इंताजार रहता है। इस होली यह आस पूरी नहीं हो पाएगी, रेलवे ने लोगों को निराश किया है। लंबी दूरी की ट्रेनों में होली तक के लिए आरक्षण नहीं मिल रहा है। सभी सीटें आरक्षित हैं। रानीपतरा के संदीप कुमार सोनी दिल्ली में रहते हैं, दशहरा में घर आए थे और होली में आना था लेकिन नहीं आ सकेंगे। उनके पिता डॉ. मनोज ¨सह बताते हैं कि संदीप होली में नहीं आ सकेगा। घर आना था लेकिन रिजर्वेशन नहीं हो सका। यहीं के पंकज कुमार साह भी दिल्ली में रहते हैं। हर साल होली में घर आते थे लेकिन साल नहीं आ पाएंगे। उनके भाई नीरज कुमार साह ने बताया कि उनका फोन आया था। टिकट कंफर्म नहीं होने के कारण आना संभव नहीं हो सकेगा। इस तरह कई लोग हैं जो होली में इसबार घर नहीं आ पाएंगे।