किसान मजदूरों की है हालत खराब: राजेंद्र
पूर्णिया। केंद्र सरकार की नव उदारवादी कॉरपोरेट परस्त नीतियों के कारण किसानों एवं मजदूरों की हालत दिन
पूर्णिया। केंद्र सरकार की नव उदारवादी कॉरपोरेट परस्त नीतियों के कारण किसानों एवं मजदूरों की हालत दिन व दिन खराब होती जा रही है और कर्ज, भूख, गरीबी, बेरोजगारी के कारण आत्महत्याएं हो रही है। उक्त बातें रविवार को रानीपतरा के सर्वोदय आश्रम में आयोजित अखिल भारतीय किसान सभा की पूर्णिया जिला कमेटी का 36वां जिला सम्मेलन में उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक राजेंद्र ¨सह ने लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट घरानों को कई लाखों-करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जाता है मगर किसानों के लिए कोई राहत नहीं है। नोटबंदी ने भी सबसे ज्यादा किसानों व मजदूरों को ही प्रभावित किया है।
सम्मेलन की अध्यक्षता जिला मंत्री सुनील ¨सह, मधुसूदन ऋषि, सुदीप सरकार ने संयुक्त रूप से की। अपने संबोधन में जिला मंत्री सुनील ¨सह ने कहा कि केंद्र एवं बिहार की सरकार के बीच गरीबों को लाइन में खड़ा करने की होड़ लगी है और विकास के नाम पर हर रोज दर्जनों घोषणाएं कर रही हैं लेकिन जमीन पर कुछ नहीं हो रहा है। मंच संचालन करते हुए माकपा नेता सह जिला पार्षद राजीव ¨सह ने कहा कि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करें भूमि पर निर्भर तमाम लोगों के हितों की हिफाजत की जाए। गरीब एवं मध्यम वर्गीय किसानों के तमाम ऋण को माफ किया जाए। मनरेगा को सही तरीके से लागू किया जाए तथा 200 दिनों का कार्य दिवस एवं 300 रुपये की न्यूनतम मजदूरी तय की जाए। किसानों मजदूरों को 3 हजार रुपये पेंशन का भुगतान किया जाए। श्रम कानून को संशोधित कर मजदूरों के हकों की हिफाजत की जाए साथ ही नकली खाद बीज के कारोबारियों पर सख्ती से कानूनी कार्रवाई की जाए। इस अवसर पर जिला कमेटी का चुनाव किया गया। जिसमें अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष बनाए गए। मौके पर चंदन उरांव, मिथलेश ठाकुर, कारे ऋषि, लालबहादुर उरांव, क्रिता उरांव, सकलदेव उरांव, गरीब नावाज, बाबुलाल उरांव, सुधीलाल मुण्डा, रंजीत मुर्म, रंजीत चौधरी, शिवनाथ सोरेन, सुबल साह, मो. लुकमान, मो. रोफ सहित जिले भर के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।