चीनी उत्पाद के खिलाफ कसम ने किया मंचन
पूर्णिया। दीपावली का मौसम इस बार यहां के लोगों के लिए खास बनता जा रहा है। दीपावली का आध्यात्मिक और
पूर्णिया। दीपावली का मौसम इस बार यहां के लोगों के लिए खास बनता जा रहा है। दीपावली का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व तो है लेकिन इसके साथ इस बार एक मिशन भी जुड़ता जा रहा है। दीपावली परंपरागत रुप से दीया और रोशनी का त्यौहार है। इसमें घरों, दरवाजे और गली को रोशन किया जाता है। धीरे-धीरे कृत्रिम लाइट ने दीये का स्थान ले लिया। काफी अधिक सस्ते चीनी लाइट का दीपावली में इस्तेमाल होने लगा। इस बार पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीनी रुख से यहां के लोग नाराज हैं। समाज के कई संस्था इस मुद्दे पर आगे आयी है और चीनी उत्पाद के खिलाफ लोगों को जागरुक करने का अभियान चलाया जा रहा है। विभिन्न मंचों के कलाकार, खिलाड़ी और बुजुर्ग समाज के सदस्यों ने मुहिम चलाया है। कसबा सांस्कृतिक मंच (कसमं) के रोहित्सव पप्पू ने कहा कि कलाकारों ने कसबा में नुक्कड़ नाटक शुरु कर दिया है जो दीपावली तक जारी रहेगा। प्रत्येक दिन एक जगह को चिन्हित किया जायेगा और वहां पर गायन और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को मेड इन चायनीज का विरोध करने के लिए जागरुक किया जायेगा। दरअसल रोहित्सव पप्पू ने शिक्षा विभाग के तत्ववाधान में नशा मुक्ति के लिए भी करीब दो महीना तक जिले के प्रखंडों में पांच टीम बनाकर नुक्कड़ नाटक किया था। टीम के साथ नशा मुक्ति के लिए गीत गाने वाली अनीषा प्रीति ने कहा कि वह इस बार चीनी उत्पाद के खिलाफ लोगों को जागरुक करने में लगी है। अनीषा का कहना है कि गीता गाना उन्हे अच्छा लगता है लेकिन किसी मिशन के तहत अपने कला का इस्तेमाल से संतोष होता है। शहर में अब यह मुहिम का रुप ले चुका है और जिसे दीपावली तक जारी रखने की बात कर रहे हैं। आने वाले समय में विभिन्न संस्थाओं द्वारा भी आगे आने की संभावना है।