होती रही घोषणाएं जगती रही उम्मीदें, सपने रहे अधूरे
पूर्णिया। इंतहा हो गई इंतजार की.. और यह इंतजार बदस्तूर अब भी जारी है। मामला पूर्व मध्य रेलवे के मधेप
पूर्णिया। इंतहा हो गई इंतजार की.. और यह इंतजार बदस्तूर अब भी जारी है। मामला पूर्व मध्य रेलवे के मधेपुरा, बनमनखी, पूर्णिया रेलखंड पर आमान परिवर्त्तन के बाद रेल गाड़ियों के परिचालन से जुड़ा है। रेलखंड पर रेल सेवा शुरू होने का इंतजार क्षेत्रवासी वर्षों से कर रहे हैं लेकिन सबकुछ हो जाने के बाद भी गाड़ी चलाने की तिथि दर तिथि बढ़ती चली जा रही है। कोशी पीड़ित इन क्षेत्रों मे हजारों लाखों लोगों के यातायात का मुख्य साधन रेलगाड़ियां ही रही हैं। अभी सड़क मार्ग से आमलोगों को कष्टदायक और महंगी यात्रा करनी पड़ रही है साथ ही समस्याओं से जूझने के लिए उन्हें विवश होना पड़ रहा है।है।लोगों का कहना है कि रेलवे के अधिकारियों द्वारा पूर्व में कई बार रेल परिचालन की तिथि घोषित की गई और हर घोषणा के बाद लोगों की उम्मीदें जगती रही। ट्रेन परिचालन का डेटलाइन भी कई बार समाप्त हुआ। 26 मई से उक्त रेलखंड पर रेल सेवा शुरू नहीं होने की चर्चा से हलकान क्षेत्रवासियों ने बताया कि हर घोषणा के बाद कष्टप्रद यात्रा करने वाले कोशी वासियों के मन में इससे मुक्ति मिलने की नई उम्मीदें जगती रहीं, लेकिन अबतक उम्मीद सपने ही बने हुए हैं। गौरतलव है कि जानकीनगर बनमनखी पूर्णिया आमान परिवर्त्तन कार्य का निरीक्षण पूर्वी जोन कोलकाता के मुख्य संरक्षा आयुक्त पीके आचार्या एवं पर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के महाप्रबंधक एके मित्तल पूर्व में ही कर चुके हैं। निरीक्षणोपरांत रेलवे बोर्ड को भी निरीक्षण प्रतिवेदन उच्चाधिकारियों के द्वारा समर्पित किया जा चुका है। नौलखी के संजय कुमार मंडल, लड्डू, दीन दयाल यादव, चांदपुर भंगहा के रणधीर यादव पंकज कुमार, अधिवक्ता जयचन्द यादव, सहुरिया भंगहा टोला के आलोक कुमार अकेला, गंगापुर के अमिताभ मिश्र, पैक्स अध्यक्ष अनिल कुमार यादव, घनश्याम, रामनगर फरसाही के कंवर लाल सुराणा, विनोद भगत, अंजय अग्रवाल, पंकज ¨सह, राजकुमार झा सहित दर्जनों नागरिकों ने बताया कि ट्रेन परिचालन की खबर से आशा जगी कि देर से ही सही अब गाड़ियां दौड़ेगी किन्तु खुशियां नौ दो ग्यारह हो गई।