पतियों ने संभाली महिला प्रत्याशियों के चुनाव की कमान
पूर्णिया। 14 मई को बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र में होने वाले पंचायत चुनाव में शह और मात के लिए शतरंज की ब
पूर्णिया। 14 मई को बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र में होने वाले पंचायत चुनाव में शह और मात के लिए शतरंज की बिसात बिछ गई है। प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों की चहलकदमी तेज होती जा रही है। भीषण गर्मी एवं तपती धूप में भी जनसंपर्क अभियान जारी है। चुनाव जीतने एवं मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। महिला आरक्षित वार्ड में अभी भी महिला घरेलू कार्यों से बाहर नहीं निकल पायी हैं। प्रत्याशी होने के बावजूद उनके पति ही चुनाव की कमान संभाल रखे हैं। क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में विशेषकर वार्ड सदस्यों एवं वार्ड पंचों के लिए मैदान में कूदे महिला प्रत्याशियों के पति के द्वारा जनसंपर्क किया जा रहा है। लगभग सभी के वायदे एक, प्रचार का माध्यम एक और विकास की बातें भी कमोबेश एक जैसी ही है। मतदाताओं की मानें तो महिला प्रत्याशी के चुनाव जीतने के बाद उनके पति ही सब काम किया करते हैं। दूसरी ओर मुखिया ,सरपंच एवं समिति के पद से चुनाव लड़ रही महिला प्रत्याशियों के पतिदेव को ही जनता जनार्दन से जीत का आशीर्वाद मांगते देखा जा रहा है। कुछेक जगहों पर महिला प्रत्याशी भी प्रचार कर रही है। बहरहाल अधिकांश गांवों व पंचायतों में महिला प्रत्याशियों के पतिदेव ही चुनाव चिह्न के साथ जीत सुनिश्चित करने प्रत्येक मतदाता के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। नये प्रत्याशियों द्वारा जहां क्षेत्र को विकसित करने और मतदाताओं के विभिन्न समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया जा रहा है वहीं निवर्तमान जनप्रतिनिधियों के द्वारा विकास कार्यों का वास्ता देकर मुआवजा के रूप में वोट मांगा जा रहा है। चुनाव करीब आने पर ऐसे निवर्तमान प्रतिनिधि जिन्होंने अपने क्षेत्र में कोई खास विकास का कार्य नहीं कराये हैं, उनके चेहरे पर परेशानी की लकीर उभरने लगी है।