अचला सप्तमी के लिए तैयार हुई सूर्य भगवान की प्रतिमा
पूर्णिया। पिछले 32 सालों भाष्करनगर में होनेवाली सार्वजनिक सूर्य पूजा इस साल भी विधि विधानपूर्वक होगी
पूर्णिया। पिछले 32 सालों भाष्करनगर में होनेवाली सार्वजनिक सूर्य पूजा इस साल भी विधि विधानपूर्वक होगी। इसके लिए सात घोड़ों पर सवार सूर्य भगवान की प्रतिमा का निर्माण पूरा किया जा चुका है।
पौराणिक मान्यतानुसार माघ शुक्ल सप्तमी तिथि को सूर्य सप्तमी सह अचला सप्तमी मनाने की परम्परा है। इस वर्ष इस पूजा के आयोजकों ने इसे सामुदायिक जागरूकता और स्वाबलंबन वर्ष के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया है। शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज पूर्णिया के महाध्यक्ष कुशेश्वर मिश्र ने बताया कि इस वर्ष षष्ठी तिथि की हानि होने से वसंत पंचमी के दूसरे दिन रविवार को अचला सप्तमी मनाई जायेगी। कई वर्षों के उपरान्त इस साल रविवार को सूर्य सप्तमी का होना कई तरह में पुण्य और विशेषता लिए हुए है। आयोजकों के समाजिक महाध्यक्ष के अनुसार समाज में धर्म और सूर्य पूजा की महता की स्थापना के लिए यह कार्यक्रम अति महत्वपूर्ण है। सूर्य पूजा की सभी पारम्परिक विधियों को कर्मकांडी चंद्रशेखर भट्ट पूरा करेंगे फिर प्रसाद वितरण और सामाजिक भोज सहित कई मंगलमय कार्यक्रम भी किये जायेंगे।