50 वर्ष पूरा होने पर पूजा का होगा विशेष आयोजन
पूर्णिया। 50 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में बाड़ीहाट दुर्गा पूजा समिति इस बार दुर्गा पूजा का शानदार आ
पूर्णिया। 50 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में बाड़ीहाट दुर्गा पूजा समिति इस बार दुर्गा पूजा का शानदार आयोजन करने जा रहा है। 1966 से यहां दुर्गापूजा का आयोजन हो रहा है लेकिन प्रारम्भ के कुछ वर्षों अभी जहां पूजा स्थान है उसके पीछे महामाया स्थान में पूजा होती थी। समिति के महासचिव शिवशंकर गुप्ता ने बताया कि स्वर्ण जयंती वर्ष होने के कारण इस बार समिति के सदस्यों में विशेष उत्साह है इसलिए इस बार के आयोजन को यादगार बनाने की कोशिश की जा रही है।
पंडाल समेत मूर्ति, रौशनी हर बातें का विशेष ख्याल रखा जा रहा है।
विशेषता
एक महीने से पश्चिम बंगाल के बहरमपुर के करीगर पंडाल निर्माण कार्य में लगे हैं। पंडाल बना रहे कारीगर सुभाष का कहना है पंडाल में प्रसिद्ध मंदिर की झलक दिखेगी। पंडाल की ऊंचाई 60 फीट और चौड़ाई 40 फीट होगी। दुर्गाजी की प्रतिमा मध्यप्रदेश के जबलपुर की पहाड़ी में स्थित त्रिपुर सुंदरी मंदिर में स्थापित मूर्ति की झलक इस बार यहां के मां दुर्गापूजा की प्रतिमा में दिखेगी। कोलकाता के कुमारटोल से आये मूर्तिकार मां दुर्गा के प्रतिमा को तैयार कर रहे हैं। रोशनी की विशेष व्यवस्था की जा रही है।
पूजा की अन्य विशेषता
अष्टमी को संधि पूजा यहां की खासियत है। इसमें मान के पत्ता पर दीप जलाया जाता है। जिसमें काफी भीड़ होती है। दशमी को कलशशोभा यात्रा निकाली जाती है। आसपास की घरों में जो महिलाएं कलश स्थापना करती है वे कलश को लेकर मंदिर पहुंचती है यहां फिर एक साथ कतारबद्ध होकर मुख्य मार्ग होते हुए पक्की तलाब में विर्सजन करती हैं। प्रत्येक साल कलश शोभा यात्रा यहां आकर्षण का केंद्र होता है। इसके अलावा दशमी को महिलायें ¨सदूर खेलती है।
इस बार स्वर्ण जयंती के अवसर पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है। जो कला भवन नाट्य विभाग के निर्देशक कुंदन कुमार ¨सह के निर्देशन में प्रस्तुत किया जायेगा।
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बॉक्स के लिए
पूज समिति
संरक्षक - तारकेश्वर प्रसाद ¨सह,शंभूनाथ दास
अध्यक्ष - अभिमन्यू कुमार मन्नू
कार्यकारी अध्यक्ष- सत्येन्द्र प्रसाद
उपाध्यक्ष - राजीव रंजन, योगेन्द्र प्रसाद यादव, सुरेश कुमार
महासचिव - शिव शंकर गुप्ता
कोषाध्यक्ष - विपिन कुमार ¨सह
सदस्य - नरेंद्र प्रसाद ¨सह, कन्हैया लाल, परमानंद साह, हरिनंदन पाण्डेय, धीरेन्द्र प्रसाद ¨सह,