वार्ड 17 को नहीं मिली अंधेरे से मुक्ति
पूर्णिया। एक तरफ सरकार 2015 हर एक गांव में बिजली पहुंचाने का वादा कर रही है वहीं कसबा शहरी क्षेत्र क
पूर्णिया। एक तरफ सरकार 2015 हर एक गांव में बिजली पहुंचाने का वादा कर रही है वहीं कसबा शहरी क्षेत्र के दलित-महादलित बाहुल्य वार्ड नंबर 17 लगभग दो दशकों से अंधेरे में है। इन दो दशकों में कई जनप्रितिनिधि आए और आश्वासन दिया परंतु इस वार्ड को अंधरे से मुक्ति नहीं दिलवा पाए।
1990 में इस वार्ड के यवनपुर मुहल्ले में पहली बार बिजली का दर्शन हुआ था किन्तु यहां के लोगों की खुशी ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रह पाई। 6 माह के अंदर ही यहां लगे ट्रांसफार्मर के जलने के बाद जो बिजली गई है आज तक लौट कर नहीं आई है। हां, बिजली के नाम पर नेता मतदाताओं से मत लेने में जरूर सफल रहे है। बिजली विहीन वार्ड के वार्ड पार्षद ज्वाय लकड़ा ने कहा कि बिजली के लिए स्थानीय विधायक से लेकर सांसद तक तथा उर्जा मंत्री से लेकर कार्यपालक अभियंता तक के दरबार में माथा टेका पर आश्वासन के आलावे कुछ नहीं मिला। इन आश्वासनों से त्रस्त जनता इस बार के विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करेंगे। वही अमित लकड़ा, प्रदीप टुडू, संजय राउत, ¨टकू बाड़ा, प्रेम किस्कू सहित कई लोगों ने बताया कि इस चुनाव में वे बेवकूफ नहीं बनेंगे!