गोलबंद हुए ग्रामीण, समस्याओं के समाधान के लिए दिया अल्टीमेटम
पूर्णिया। बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे गंगापुर के ग्रामीण गोलबंद होने लगे हैं। सरकार द्वारा चलाई जा
पूर्णिया। बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे गंगापुर के ग्रामीण गोलबंद होने लगे हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लाभ से वंचित सैंकड़ों ग्रामीणों मध्य विद्यालय मिरचाईबाड़ी प्रांगण में जमा हुए तथा अपने गुस्से का इजहार किया तथा बाद में बीडीओ एवं एसडीओ बनमनखी को आवेदन देकर समस्याओं से निजात दिलाने की मांग की।
आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जिसको राशन कार्ड मिल है उसका सूची में नाम नहीं है और जिसका नाम सूची में है, उसको राशन कार्ड नहीं मिला। बहुत से गरीबों को तो कुछ भी नहीं मिला। पंचायत अंतर्गत भूमिहीन महादलितों के द्वारा बनमनखी के एसडीओ, अंचलाधिकारी को तीन डी. जमीन मुहैया कराने हेतु कई बार आवेदन दिया गया, कोरे आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं मिला। जिस कारण वे लोग सड़क किनारे रहकर जैसे-तैसे आज भी जीवन-यापन करने को विवश हैं। फसल क्षति एवं चक्रवाती तूफान के दौरान सर्वेक्षण को लेकर सरकारी कर्मियों द्वारा बरती गई अनियमितताओं, गृहक्षति का मुआवजा नहीं मिलने, वित्तीय वर्ष 14-15 में पंचायत अंतर्गत स्कूलों में प्रधानाध्यापकों द्वारा छात्रवृत्रि राशि का वितरण नहीं करने, जीरो बीपीएल के आधार पर वित्तीय वर्ष 2015-16 में महादलितों को मिलने वाले इंदिरा आवास की सूची बनाने में मनमानी व गड़बड़ी करने, जॉब कार्डधारियों को काम नहीं मिलने की स्थिति में उन्हें बेरोजगारी भत्ता देने, मध्य विद्यालय मिरचाईबाड़ी को उ“च्च विद्यालय का दर्जा देने, पिछले दो वर्ष से अधूरे पड़े प्राथमिक विद्यालय यादव टोला, दमगाड़ा के भवन निर्माण का कार्य पूर्ण करने के मुद्दों पर उपस्थित ग्रामीणों ने जमकर रोष प्रकट किया। मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 06 में एमएसडीपी योजना द्वारा बनाया गया आंगनबाड़ी केंद्र का भवन राजस्व कर्मचारी गणेश राय द्वारा अधूरा ही छोड़ दिया गया है। चिकित्सा सुविधा से वंचित ग्रामीणों ने जानकारी दी कि यहां अति प्रा. स्वा. केंद्र का भवन तो बनाया गया ¨कतु डाक्टर, कंपाउंडर एवं दवा की यहां कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण आमजनों को भारी कठिनाईयों से गुजरना पड़ रहा है। सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं के लाभ से वंचित इन ग्रामीणों ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि यदि सवो“च्च प्राथमिकता के आधार पर हम ग्रामीणों की उक्त समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन करने को वे लोग बाध्य हो जाएंगे।