कृष्णावतार एवं रामावतार ईश्वर के अवतार सर्वोपरि : संत कनक जी महाराज
पूर्णिया। ईश्वर के दस अवतार में कृष्णावतार, रामावतार मानव कल्याण हेतु सर्वोपरि है। सनातन धर्म में सा
पूर्णिया। ईश्वर के दस अवतार में कृष्णावतार, रामावतार मानव कल्याण हेतु सर्वोपरि है। सनातन धर्म में साधु-संत, ब्राह्माण, गाय व मानव सेवा ही सर्वोपरि है। उक्त अमृतवाणी माता कामरू कामाख्या मंदिर में एक जुलाई से जारी आठ दिवसीय श्रीमदभागवत कथा में बाल स्वरूप संत कनक जी महाराज ने कही। उन्होंने लोगों को मद्य, जुआ, परस्त्रीगामी व हिंसा से उबरने के उपाय बताया। कहते हैं कि इस घोर कलयुग में इन चारों में कलयुगी का कहर जारी है। जिससे मानव, पशु व दुराचारी समान हो जाते हैं। उन्होंने लोगों को नियमित गीता पाठ करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि इससे मनुष्य का दिनोंदिन आचार-व्यवहार में बदलाव के समय मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा संत एवं उनके सहयोगी महात्माओं द्वारा भक्ति संगीत से श्रोता मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। व्यवस्थापक मजरा मुखिया संतोष कुमार मिश्र, पूर्व केनगर प्रभारी प्रमुख बिहारी लाल पासवान, भोला यादव, पूर्व सरपंच राजेंद्र यादव, सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक अभिनंदन प्रसाद सिंह, भोला पासवान, जितेंद्र यादव, खंतर पासवान, झारखंडी यादव, छेबी लाल यादव, डा. विजय शर्मा, अजय गोस्वामी, नवीन यादव, विनोद यादव सहित तमाम भवानीपुर, मजरा पंचायतवासियों के सहयोग से भव्य पंडाल, रोशनी व भंडारा आदि की व्यवस्था सराहनीय है। यहां केनगर एवं पूर्णिया पूर्व प्रखंड क्षेत्र से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है।