दालकोला चेक पोस्ट पर गैर सरकारी व्यक्ति काट रहा डीटीओ की रसीद
पूर्णिया। दालकोला चेक पोस्ट पर अवैध उगाही का कारोबार थम नहीं रहा है। यहां गैर सरकारी व्यक्ति जिला प
पूर्णिया। दालकोला चेक पोस्ट पर अवैध उगाही का कारोबार थम नहीं रहा है। यहां गैर सरकारी व्यक्ति जिला परिवहन पदाधिकारी का रसीद काट रहा है। ओवर लोड वाहनों को इंट्री कराने के लिए मोटी रकम वसूली जा रही है। जितनी की रसीद काटी जाती है उससे दोगुना ज्यादा राशि ली जाती है। इधर दालकोला चेक पोस्ट पर इस अवैध उगाही के चलते राजस्व की भारी क्षति हो रही है। वहीं इस मामले को लेकर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के सदस्य ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया है और दोषी पदाधिकारी व कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
दालकोला चेकपोस्ट इंट्री के नाम पर अवैध उगाही के धंधे पर अंकुश नहीं लग पाई है। यहां अनाधिकृत रूप से जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा गैर सरकारी व्यक्ति मणिशंकर कुमार को रखकर अवैध ढंग से वाहनों को इंट्री कराकर मोटी रकम वसूली जा रही है। बिना बिहार रोड टैक्स दिए एवं बिना नेशनल परमिट की गाड़ियां जो आवश्यकता से अत्यधिक वजन की सामान लोड कर चलते हैं उससे तीन हजार रूपए प्रति गाड़ी लेकर इंट्री की जाती है और इसी रशीद पर बाहर जाने की भी इजाजत दे दी जाती है। इंट्री की रसीद पर गैर सरकारी व्यक्ति मणिशंकर का हस्ताक्षर रहता है जबकि मोहर जिला परिवहन पदाधिकारी का होता है। चार जून को रसीद संख्या 479417, 479418, 479419 एवं 479420 से मिलाने करने पर इसका खुलासा हुआ है। इस रसीद पर मोहर जिला परिवहन पदाधिकारी का अंकित है जबकि हस्ताक्षर मणिशंकर का है। इस तरह प्रति दिन लाखों रूपए की हेराफेरी होती है। जिला परिवहन प्राधिकार के सदस्य आमोद कुमार ने कहा है कि चेक पोस्ट का सारे कार्य कम्प्यूटर आपरेटर एवं बाहरी व्यक्ति मणिशंकर द्वारा निष्पादित किया जा रहा है। यदि मोबाइल का लोकेशन लिया जाय तो एक निश्चित समय या अवधि में इनकी संलिप्तता का उजागर हो जाएगी। इस अवैध कारोबार से एक ओर जहां रोड टैक्स की चोरी से राजस्व संग्रह में बिहार सरकार के साथ धोखाधड़ी की जा रही है वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर सरकार की छवि को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी पूर्णिया एवं अन्य संबंधित परिवहन कर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।