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मुफ्त अखबार नहीं दिया तो आरपीएफ दारोगा ने दो हॉकरों को पीटा

फोटो-29 पीआरएन-38 - बनमनखी आरपीएफ के दारोगा ने झाड़ा वर्दी का रौब घंटो बंद रखा हाजत में -मामले

By Edited By: Published: Sun, 29 Mar 2015 06:45 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2015 06:45 PM (IST)
मुफ्त अखबार नहीं दिया तो आरपीएफ दारोगा ने दो हॉकरों को पीटा

फोटो-29 पीआरएन-38

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- बनमनखी आरपीएफ के दारोगा ने झाड़ा वर्दी का रौब घंटो बंद रखा हाजत में

-मामले को लेकर घटों स्थानीय लोगों ने किया आरपीएफ पोस्ट पर प्रदर्शन

- आरपीएफ कमांडेट ने कहा हॉकर की पिटाई हुई है तो मामला गंभीर, कराई जायेगी जांच

बनमनखी (पूर्णिया), संस : बनमनखी जंक्शन के आरपीएफ पोस्ट में पदस्थापित दारोगा तारकेश्वर यादव के पुलिसिया दादागिरी को देख बुधवार की सुबह बनमनखी के लोग दंग रह गये। अखबार बेचकर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले दो हॉकरों बेचन यादव एवं शत्रुघ्न यादव को बनमनखी आरपीएफ के दारोगा तारकेश्वर यादव ने पहले तो अपने वर्दी का रौब दिखाकर इन दोनों हॉकरों को ले जाकर आरपीएफ थाना में बंद कर दिया फिर इन दोनों की बेरहमी से पिटाई की। स्थानीय लोगों एवं जनप्रतिनिधियों को जब सूचना मिली एवं वे लोग आरपीएफ थाना पहुंचे तो उक्त दारोगा की दबंगई देख लोग आक्रोशित हो गये। लोगों के जोरदार विरोध को देखते हुए आरपीएफ दारोगा ने दोनों हॉकरों से जबरन लिखा-पढ़ी करवाकर छोड़ दिया। आरपीएफ दारोगा ने अपनी यह दादागिरी मात्र एक मुफ्त अखबार के लिए दिखाई। एक अखबार के लिये इन हॉकरों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। आरपीएफ दारोगा के इस अमानवीय व्यवहार से क्षुब्ध हॉकरों ने सोमवार से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। घटना के विरूद्ध स्थानीय लोगों के गुस्से को देख घटना स्थल आरपीएफ थाना पर कुछ देर के लिये तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी। स्थानीय लोगों एवं जनप्रतिनिधियों ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि रेलवे परिसर में आरपीएफ के जवानों का ताडव इसी प्रकार चलता रहता है। रेल परिसर में अवैध रूप से दुकान लगवाकर उनसे जबरन रूपए की वसूली की जाती है। यहा के जवान एवं पदाधिकारी को हर वस्तु मुफ्त में प्राप्त करने की आदत पड़ गयी है तथा विरोध करने वालों पर झूठा एवं मनगढंत आरोप लगा उन्हें बेरहमी से पीटा जाता है तथा जेल भेजा जाता है। कुछ समय पूर्व भी इसी तरह के वारदात में एक महादलित समुदाय के यात्री की स्टेशन पर बेरहमी से पिटाई की गयी थी तथा घायल यात्री को स्थानीय लोगों की मदद से अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी में इलाज कराया गया था। विधायक कृष्ण कुमार ऋषि ने उस समय जीआरपी एवं आरपीएफ के जवानों की शिकायत उनके वरीय पदाधिकारी से की थी। लेकिन रविवार को एकबार फिर से आरपीएफ के इस दारोगा द्वारा पुरानी कहानी दुहरायी गई। आरपीएफ के दारोगा तारकेश्वर यादव ने कहा कि हॉकर को रेल परिसर में अखबार गिराने से मना किया गया तो वह उलझ गये और इसके बाद उनके साथ सख्ती से पेश आया गया। पिटाई की बात से आरपीएफ दारोगा ने इंकार किया। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि रेल परिसर बनमनखी में एक दो नहीं बल्कि बड़ी मात्रा में स्थाई दुकानें लगी हुई है। जिनसे हर दिन एक बंधी बंधाई रकम वसूली जाती है लेकिन इस ओर आरपीएफ दारोगा झांकते तक नहीं है। अब तो स्थानीय लोग यह सवाल उठाने लगे हैं कि रेल परिसर में लगी दुकानों पर दारोगा जी की नजरें इनायत का आखिर राज क्या है। वहीं आरपीएफ के कमांडेट कुमार निशांत ने कहा कि आरपीएफ दारोगा द्वारा मुफ्त अखबार नहीं देने पर हाकर की पिटाई करना काफी गंभीर मामला है। वे इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच अपने स्तर से कराएंगे तथा अगर जांच में दारोगा द्वारा हॉकर को पीटने की बात सामने आयेगी तो कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि वे इस बात की भी जांच कराएंगे की बनमनखी रेल परिसर में कितनी दुकानें अवैध ढंग से लगी हुई है और इसे किसका संरक्षण प्राप्त है।


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