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पत्नी के वियोग में पति ने त्यागे प्राण

रूपौली (पूर्णिया), संस : अग्नि के समक्ष सात फेरे लेते वक्त किए गए साथ-साथ जीने-मरने के वादे को सच कर

By Edited By: Published: Fri, 19 Dec 2014 09:30 PM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 09:30 PM (IST)
पत्नी के वियोग में पति ने त्यागे प्राण

रूपौली (पूर्णिया), संस : अग्नि के समक्ष सात फेरे लेते वक्त किए गए साथ-साथ जीने-मरने के वादे को सच कर दिखाया अकबरपुर ओपी के लाठी गाव के 90 वर्षीय जगदेव मंडल ने।

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मिली जानकारी के अनुसार 18 दिसंबर को लाठी गाव के जगदेव मंडल की पत्‍‌नी जानकी देवी अंतिम सासें गिन रही थी, तभी पति ने पत्‍‌नी से कहा कि तुम आगे बढ़ो, मेरा इंतजार करना, मैं भी कल पीछे से आ रहा हूं। पति के इस वचन के बाद जानकी देवी ने अपने प्राण त्याग दिये। जगदेव मंडल ने पत्‍‌नी के प्राण त्यागने के बाद अपने परिजनों से भी कहा कि आज इनकी अंत्येष्टी नहीं करनी है, मैंने पत्‍‌नी को वचन दिया है कि वह भी पीछे से आ रहे हैं। मैं कल उसके पास चला जाउंगा, तब दोनों का एक ही साथ अंतिम संस्कार कर देना। परिजन एवं ग्रामीणों ने समझा कि पत्‍‌नी के वियोग में ऐसा कह रहे हैं, उन्होंने उनकी बात रखने तथा सांत्वना देने के खयाल से शुक्रवार को अंतिम संस्कार करने के लिए तैयारी करने लगे। सुबह लगभग 9 बजे उन्होंने परिजनों से कहा कि वे भी जानकी के पास जा रहे हैं, क्योंकि उसे वचन दिया है, वह मेरा इंतजार कर रही है। दोनों पति-पत्‍‌नी को एक ही साथ एक ही चिता पर विदा कर दीजिएगा इसके बाद उन्होंने भी प्राण त्याग दिये। उनके प्राण त्यागने की खबर जंगल की आग तरह से फैल गयी तथा लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। दोनों को एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। वे अपने पीछे एक पुत्र एवं दो पुत्री से भरा-पूरा परिवार छोड़ गये हैं। हर कोई यही चर्चा कर रहा थे कि ऐसा प्यार कभी-कभी देखने को मिलता है, जो सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा कर, वादा निभाने से नहीं चूकते हैं।


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