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मरीज परेशान, राउंड पर आने वाले डाक्टरों का नहीं है कोई समय

पूर्णिया, जागरण संवाददाता : डाक्टरों की कमी मरीजों की परेशानी बढ़ा दे रही है। खास कर वार्डो में भर्त

By Edited By: Published: Wed, 17 Dec 2014 09:45 PM (IST)Updated: Wed, 17 Dec 2014 09:45 PM (IST)
मरीज परेशान, राउंड पर आने वाले डाक्टरों का नहीं है कोई समय

पूर्णिया, जागरण संवाददाता : डाक्टरों की कमी मरीजों की परेशानी बढ़ा दे रही है। खास कर वार्डो में भर्ती मरीजों को इसके लिए ज्यादा परेशान होना पड़ रहा है। मरीजों को देखने के लिए डाक्टर कब आएंगे इसका कोई समय निर्धारित नहीं रहता है। अगर कोई परेशानी भी होती है डाक्टर के आने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।

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सदर अस्पताल के महिला मेडिसीन वार्ड में भर्ती खैरू निशां का पुत्र मो मुस्ताक की शिकायत थी कि तीन दिनों से सदर अस्पताल में भर्ती है। सब कुछ तो ठीकठाक है लेकिन डाक्टर के राउंड पर आने का कोई निर्धारित समय नहीं है। उनका कहना था कि मंगलवार को डाक्टर बताए थे कि बुधवार को खून जांच कराना पड़ेगा। बुधवार की शाम तक वे डाक्टर दोबारा नहीं आए जो जांच कराने की बात करते। डाक्टर द्वारा जो दवा लिखी गई है उसे दिया जा रहा है। वहीं पोस्ट आपरेटिव वार्ड में डा अंजु मौजूद थी। इस वार्ड में करीब 44 मरीज भर्ती थी। कुछ मरीजों की परेशानी को देखते हुए डा अंजु लगी हुई थी। महिला सर्जिकल वार्ड में 35 मरीज भर्ती थी। मेटरनिटी वार्ड में 55 एवं मेडिसीन वार्ड 18 मरीज भर्ती थी। यहां भर्ती मरीज रीना देवी बताती हैं कि नाश्ता सुबह आठ और नौ बजे के बीच दिया जाता है। नाश्ते में दूध, ब्रेड, एक अंडा व एक केला दिया जाता है। जबकि खाना में चावल, दाल सब्जी मिलता है। शाम चाय बिस्किट तथा रात का खाना भी समय से मिलता है। नूर जहां भी अस्पताल की व्यवस्था से संतुष्ट थी। नाश्ता व खाना समय से मिलता ही है साथ ही साफ सफाई का पूरा ख्याल रखा जाता है। सुबह में आठ बजे एवं शाम चार बाजे के आसपास झाड़ू पोछा किया जाता है।

शिशु वार्ड में 14 बच्चे हैं भर्ती

पूर्णिया : सदर अस्पताल के बच्चा वार्ड में 25 सीट उपलब्ध है। बुधवार को 14 बच्चे वार्ड में भर्ती थे। जबकि नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में भी एक नवजात वार्मर पर रखा गया था। बताया कि पीलिया व अन्य रोग से पीड़ित नवजात को रखने के लिए छह वार्मर मशीन लगाए गए है। कमजोर नवजात को गर्मी प्रदान करने के लिए सात से दस दिनों तक भी वार्मर पर रखा जाता है। बताया कि अस्पताल में भर्ती बच्चों के लिए खाने की व्यवस्था में कोई खास व्यवस्था नहीं है। केवल ढाई वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सुबह, दोपहर व शाम को दूध उपलब्ध कराया जाता है। अन्य को वयस्क मरीजों की तरह ही खाना नाश्ता व खाना उपलब्ध कराया जाता है। पुरूष वार्डो में भी उपलब्ध बेड से कम मरीज ही भर्ती है। सर्जिकल व आर्थोपैडिक वार्ड में 48 बेड उपलब्ध है। 44 मरीज भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं जबकि मेडिकल वार्ड में 28 सीट हैं और 23 मरीज इलाजरत हैं।

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तीन प्रहर में चलता है ओपीडी

पूर्णिया: सदर अस्पताल में बढ़ती भीड़ को देखते हुए तीन प्रहर में ओपीडी संचालित हो रही है। सुबह आठ से बारह बजे एवं शाम को चार से छह बजे तक ओपीडी सभी मरीजों के लिए चलती है। जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से ओपीडी शुरू की गई है। दोपहर दो बजे से चार बजे तक केवल वरिष्ठ नागरिकों को ही देखा जाता है। मरीजों की सुविधा के लिए पुर्जा कटाने के लिए चार काउंटर बनाए गए है। दवा लेने के लिए दो काउंटर बनाए गए है। ओपीडी के समय में दवा काउंटर खुली रहती है। वर्तमान में सदर अस्पताल में सभी तरह की दवाईयां मौजूद है। मरीजों को बाहर से दवा खरीदने की नौबत कम पड़ रही है। इसके अलावा आपातकालीन सेवा 24 घंटे उपलब्ध है। एक डाक्टर समेत चार कर्मचारी हमेशा मौजूद रहते हैं। जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी सेवा में कार्यरत डाक्टर ओपीडी भी देखते हैं। इधर सिविल डा सर्जन डा एसएन झा का कहना है कि डाक्टरों की कमी के बावजूद बेहतर व्यवस्था बनाया गया है। भर्ती मरीजों को भी देखना पड़ता है। जिस हिसाब से भीड़ है उस हिसाब से डाक्टरों की कमी है। इसके लिए विभाग को पत्र भी लिखा गया है। डाक्टरों की कमी के बावजूद अस्पताल के कामों का सुचारू रूप से किया जा रहा है।


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