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भागलपुर प्रकरण में चिकित्सक की गिरफ्तारी पर रोक से नहीं खत्म हुई लड़ाई: रंजीता

पूर्णिया, जागरण संवाददाता: भागलपुर में अमृता प्रकरण में तपस्वी हास्पीटल के चिकित्सक की गिरफ्तारी पर

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 07:56 PM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 07:56 PM (IST)
भागलपुर प्रकरण में चिकित्सक की गिरफ्तारी पर रोक से नहीं खत्म हुई लड़ाई: रंजीता

पूर्णिया, जागरण संवाददाता: भागलपुर में अमृता प्रकरण में तपस्वी हास्पीटल के चिकित्सक की गिरफ्तारी पर न्यायालय के रोक से यह लड़ाई खत्म नहीं हुई है। इस नर्सिग होम के चिकित्सक डा. मृत्युंजय चौधरी यह न सोंचे की वे जीत गये और पीड़ित अमृता अपने न्याय पाने की लड़ाई हार गयी। अमृता की लड़ाई हम संसद से लेकर सूबे एवं देश के हर गांव तक लड़ेंगे। ये बातें सुपौल सांसद रंजीत रंजन ने पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में सोमवार को आयोजित जन अदालत में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा आरोपी चिकित्सक को ललकारते हुए कहा कि अगर कोई हमारी बात उन तक पहुंचा सकता है तो पहुंचा दे की अगर अमृता को न्याय पाने से रोकने के लिये वे डाल-डाल की चाल चलेंगे तो हम अमृता को न्याय दिलाने तक उनकी इस चाल का जबाब पात-पात पर चलकर देंगे। सांसद रंजीता रंजन ने उपस्थित लोगों से कहा कि अमृता की लड़ाई सिर्फ अमृता की लड़ाई नहीं है बल्कि सूबे के हर उस मां बहनों एवं भाईयों की लड़ाई है जो अपनी बहन एवं मां बेटियों को प्रसव कराने के लिये लेकर जाते है और आये दिन ऐसी घटनाएं होते रहती है। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में हम खामोश रहे और चूक गये तो इसी तरह की घटना फिर किसी के साथ दुहराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमे आश्चर्य लगता है भागलपुर के उस पुलिस पदाधिकारी के बयान पर जिसने शिकायत बाद कहा कि दुष्कर्म तो नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान किस तरह की मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस लड़ाई को दूसरी ओर मोड़ने में लगे हुए हैं। हमारी लड़ाई सभी चिकित्सकों से नहीं है बल्कि वैसे चिकित्सकों से हैं जो फर्जी है या जिनके द्वारा इलाज के नाम पर गरीब मरीजों का दोहन एवं शोषण किया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई दुष्कर्मी है तो उसे दुष्कर्मी कहने में हमें कोई दिक्कत नहीं है चाहे वह चिकित्सक हो या फिर अन्य कोई अधिकारी। सांसद ने कहा कि गरीबों के हक के लिये शुरू की गयी यह लड़ाई इतनी जल्दी खत्म होने वाली नहीं है। अब इस लड़ाई में गरीबों के हक दिलाने के लिये किसी भी हाल तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह वही पूर्णिया है जिसने उन्हें राजनीति में बोलना सिखलाया। हमारे पति पप्पू यादव को यहां के लोगों में किसी ने बेटे का प्यार दिया तो भाई का तो किसी ने दोस्त का। हम अपनी जान की कीमत देकर भी उसकी कीमत अदा नहीं कर सकते। रंजीता रंजन ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री विदेशों में जाकर कहते हैं कि मैं गरीब आदमी हूं और गरीबों के लिये काम करना चाहता हूं। कोई बताये की विदेश में उन्हें कौन गरीब मिला जिसको वे अपनी बातें सुना रहे हैं। विदेश में समोसे की दुकान लगाने वाला भी इसलिये खुश है की उससे वहां की पुलिस पैसे नहीं वसूलती। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा शुरू की गयी लड़ाई का दायरा काफी बड़ा है अभी तो इस आन्दोलन की महज शुरूआत हुई है। उन्होंने कहा कि आज हमारी देशी दवा हल्दी पुदीना एवं तुलसी का पेटेंट हो गया है। उन्होंने कहा कि गरीबों के साथ सरकार बड़ी साजिश कर रही है।


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