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घर-घर जले दीप, दीवाली पर छाया रहा उत्साह

पूर्णिया, जागरण संवाददाता : दीपावली पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया। गुरूवार की शाम से

By Edited By: Published: Fri, 24 Oct 2014 09:12 PM (IST)Updated: Fri, 24 Oct 2014 09:12 PM (IST)
घर-घर जले दीप, दीवाली पर छाया रहा उत्साह

पूर्णिया, जागरण संवाददाता : दीपावली पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया। गुरूवार की शाम से देर रात तक जहां लक्ष्मी गणेश की विधिवत पूजा होती रही वहीं दीपावली की निशा रात को मां काली की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना शुरू की गई। हर घरों में दीप-दीये से की गई आकर्षक साज-सज्जा एवं झिलमिल रोशनी पूरे वातावरण को खुशनुमा बनाए हुए था। इस मौके पर लोगों ने आपसी द्वेष को भुलाकर एक दूसरे के घर पहुंच कर दीपावली की शुभकामनाएं दी और मिठाइयों का खूब आनंद लिया। बाहर रह रहे परिजनों को लोग मोबाइल एवं इंटरनेट के माध्यम से भी संदेश भेजने में मशगुल रहे। पूरे जिले में शांति एवं सौहार्द के बीच यह त्योहार मनाया गया, कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।

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दीपावली को दिन भर लोग अपने-अपने घर-द्वारों की सफाई करने एवं उसे सजाने में लगे रहे। बूढ़े-बच्चे सभी साफ-सफाई में जुटे नजर आये। शाम होने तक हर गली-मुहल्ला चकाचक नजर आने लगा। वहीं शाम ढलते ही शहर का नजारा ही बदल गया। रोशनी से पूरा शहर जगमगा उठा। हर घर-दरवाजे रोशनी से नहाया हुआ नजर आने लगे। बिजली बल्व, दीपक, डिबिया एवं झालरों से निकल रही रोशनी से घर-द्वार की रंगत ही बदली नजर आने लगी। तरह-तरह के रंगों वाले बिजली बल्व घरों की शोभा में चार चांद लगा रहे थे। लोग अपने-अपनी घरों की छतों पर चढ़कर झिलमिलाती रोशनी का खूब मजा लेते देखे गये। वहीं बच्चे रूक रूक कर आतिशबाजी करते रहे। हालांकि इस बार कुछ कम पटाखे छोड़े गए बावजूद देर रात तक बम व पटाखों की आवाज गूंजती रही। वहीं सूर्यास्त के बाद घर की महिलाओं ने सजधज कर लक्ष्मी गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की। यद्यपि पूजा का मुहूर्त पंडित शाम लगभग 8 बजे तक बता रहे थे लेकिन काफी रात तक लोग अपने-अपने घरों में पूजा-अर्चना करते देखे गये। वहीं परंपरा के अनुसार शाम को हर घरों के पुरूषों द्वारा हुक्कापाती खेलने की रस्म अदा की गई। हुक्कापाती खेलने के बाद घर के सदस्य अपने से बड़ों का आशीर्वाद लेने टोले मुहल्लों में निकल गए। जिस घर में लोग आशीर्वाद लेने पहुंचते थे उन्हें मिठाईयां दी जाती थी। आपसी भेदभाव भुलाकर लोग एक दूसरे के गले मिले एवं एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दी। जिस परिवार के सदस्य घर से बाहर हैं वे भी मोबाइल से बड़ों से आशीर्वाद लेने से नहीं चुके। सगे संबंधियों को भी फोन से दीपावली की शुभकामनाएं दी। यह क्रम देर रात तक चलता रहा। इधर दीपावली की निशा रात को मंदिरों में मां काली की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा अर्चना की गई। कहीं-कहीं पूजा कमेटियों की ओर से जागरण व अन्य कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। पूर्णिया में मधुबनी स्थित काली मंदिरों में पूजा को लेकर कई तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की व्यवस्था की गई है। पूर्णिया सिटी समेत कई मोहल्लों में भी प्रतिमा स्थापित कर माता की पूजा की गई। दीपावली का असर दूसरे दिन भी देखने को मिला। दीपावली के दूसरे दिन छोटी दिवाली मनाने का रस्म है हालांकि इस दिन गोवर्धन पूजा भी मनाई जाती है। पशुपालकों ने अपने माल-मवेशियों की पूजा की। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इस पर्व को लेकर काफी धूम-धाम रही। हालांकि दीपावली की धमाचौकड़ी का असर दूसरे दिन बाजार पर पड़ा। शुक्रवार को बाजारों में चहल पहल नहीं के बारबर थी। जिले में दीपावली उत्साह एवं शांति पूर्वक संपन्न हो गया।


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