Move to Jagran APP

बच्चों की अपील : पटाखे हैं खतरनाक

पूर्णिया, जागरण संवाददाता : दीपावाली का पर्व हमारी संस्कृति की विशेषताओं को रेखांकित करता है। इसे बु

By Edited By: Published: Sun, 19 Oct 2014 09:40 PM (IST)Updated: Sun, 19 Oct 2014 09:40 PM (IST)
बच्चों की अपील : पटाखे हैं खतरनाक

पूर्णिया, जागरण संवाददाता : दीपावाली का पर्व हमारी संस्कृति की विशेषताओं को रेखांकित करता है। इसे बुराईयों पर अच्छाई की विजय का द्योतक भी कहा जाता है। दीवाली का पर्व सौहार्द व शांति को बढ़ावा देता है। इस पर्व को मनाये जाने के ढंग पर जब दैनिक जागरण ने स्थानीय गांधीनगर स्थित यूरो किड्स के नन्हें बच्चों से बात की तो तोतली जुबान में उनकी यह राय सबसे ज्यादा उभर कर सामने आई कि पटाखे खतरनाक होते हैं बच्चों को इससे परहेज करना चाहिए।

loksabha election banner

आयुष्मान का कहना था कि दीवाली पर पटाखे का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके धमाके से डर तो लगता ही है बेवजह पापा के पैसे की बर्बादी होती ही है। हम पटाखे का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

माही कहती है कि दीवाली पर मम्मी जो दीए सजाती है उसकी झालर देखने में अच्छा लगता है। मम्मी के हाथों से बनी डिश का मजा लेकर ही दीवाली मनाएंगे, पटाखे तो ना बाबा ना।

आयूषी को मम्मी की सफाई ने सर्वाधिक प्रभावित किया है। वह कहती है कि अपने स्कूल को भी हम मम्मी के घर जैसा साफ रखेंगे।

नन्हा विवेक तो इन सबसे चार कदम आगे बढ़कर कहा कि वह अपने दोस्तों के घर जाकर दीवाली की खुशियां बाटेगा।

रानी ने बताया कि मैडम ने पटाखे से जलने के बारे में बताया है। कहा है कि इससे जलना बहुत खराब होता है। इसलिए दीवाली में वह पटाखे नहीं छोड़ेगी और अपने दोस्तों को भी इससे मना करेगी।

साक्षीश्री कहती हैं कि वह मिठाई बांट खुशियां मनाएगी। पापा से खिलौने जरूर मंगवाएगी पर पटाखे के लिए जिद नहीं करेगी।

स्वाति ने कहा कि दीवाली के मौके पर वह घरौंदा बनाएगी और उसे मम्मी से मदद लेकर सजाकर ही दीवाली मनाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.