सीओ-निबंधकों ने खुर्द-बुर्द की 3175 एकड़ सरकारी जमीन
राजीव कुमार, पूर्णिया
कोसी में भू-माफिया व दबंगों ने सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से 3175 एकड़ सरकारी जमीन खुर्द-बुर्द कर दी है। यह जमीन अब या तो किसी व्यक्ति के नाम से निबंधित है या इस पर किसी ने अवैध ढंग से कब्जा जमा लिया है। हैरत की बात है कि सरकारी जमीन का दूसरों के नाम निबंधन करने में निबंधन कार्यालय ने तो उदारता दिखाई ही अंचल अधिकारी ने भी आंख मूंदकर नामांतरण (म्यूटेशन) कर दिया। सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने का यह खेल वर्ष 2001 से लेकर वर्ष 2012 तक धड़ल्ले से चला। अब भूमि सुधार व राजस्व विभाग द्वारा कराये गये सर्वे में सरकारी जमीन खुर्द-बुर्द होने का मामला पकड़ में आने के बाद 37 निबंधक व 57 सीओ पर कार्रवाई की गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
मामला पकड़ में आने के बाद कोसी के जिलों में 1268 सरकारी जमीन की बंदोबस्ती व 879 जमीन के निबंधन को भी रद करने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। सरकारी जमीन को दूसरों के नाम करने वाले अधिकारियों को भी चिह्नित कर लिया गया है। पूर्णिया में कृषि विभाग, कटिहार के मनिहारी एवं अररिया के फारबिसगंज में आंख मूंदकर न सिर्फ सरकारी जमीन बेच दी गयी बल्कि इसका म्यूटेशन भी कर दिया गया। किशनगंज जिले में तो एक शिक्षण संस्थान की ही कई एकड़ जमीन फर्जी कागजात के आधार पर बेच दी गयी।
जहां नदियों की धारा थी, उसे भी न छोड़ा
सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले भू-माफिया ने छह नदियों की जमीन भी हजम कर ली गयी है। एक दशक पूर्व इस जमीन पर कई नदियों की उपधारा बहा करती थी जो अब गायब है।
इनसेट--
यहां की भूमि में हुई हेराफेरी
कोसी के जिलों में पूर्णिया में 960, किशनगंज में 580, अररिया में 390, सहरसा में 270, कटिहार में 389, सुपौल में 186, मधेपुरा 165 एवं खगड़िया जिले में 235 एकड़ सरकारी जमीन की हेराफेरी की गई है।
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जिन सीओ व निबंधकों पर गिरेगी गाज
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जिला- निबंधक- सीओ
पूर्णिया- 8 - 11
किशनगंज-6- 9
अररिया- 3- 5
कटिहार- 5- 6
सहरसा- 3- 5
सुपौल - 3- 3
मधेपुरा - 4 - 6
खगड़िया -5- 7