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यहां शौच जाने के लिए होता अंधेरे का इंतजार

By Edited By: Published: Wed, 20 Aug 2014 08:26 PM (IST)Updated: Wed, 20 Aug 2014 08:26 PM (IST)
यहां शौच जाने के लिए होता अंधेरे का इंतजार

पूर्णिया, जागरण संवाददाता : भले ही लोग उजाले के लिए सुबह का इंतजार करते हो, लेकिन आज भी एक बड़ी आबादी को अंधेरे की बेसब्री से प्रतीक्षा रहती है। शौचालय विहीन घरों के ऐसे सदस्य खुले में शौच के लिए अंधेरे में घरों से खेत-खलिहान अथवा सड़कों की ओर निकलते हैं। इनमें महिलाओं की बड़ी संख्या शुमार होती है। अकेले पूर्णिया जिले में ही 80 प्रतिशत परिवार खुले में शौच के लिए जाते हैं। हद तो यह है कि कई गैर जरूरी चीजों को भी महत्व देते हुए बड़ी राशि खर्चने वाले लोग भी अपने घरों में शौचालय बनाने में दिलचस्पी नहीं लेते। घर की बहू व बेटियों को भले ही शर्म के मायने बताए जाते हो, लेकिन इन्हें शौच के लिए बाहर भेजने में संकोच नहीं किया जाता है।

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एक ओर सरकार शौचालय निर्माण के लिए राशि प्रदान कर रही है। वहीं स्वच्छ व निर्मल गांव बनाने की तमाम कोशिशों का सार्थक व सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आ पा रहा है।

इस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शौचालय की जरूरत बताई। इस संबंध में उनकी चिंता लाजिमी ही है। खुले में शौच से स्वच्छ गांव व स्वच्छ भारत की तस्वीर सामने नहीं आ पा रही है।

लोहिया स्वच्छता अभियान व निर्मल भारत के तहत जिले में अब तक 1,28,230 शौचालय का निर्माण किया गया है। जबकि इस अभियान के तहत वर्ष 2022 तक 4,75,630 शौचालय बनाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पीएचडी द्वारा व्यापक प्रचार प्रसार व जागरूकता के प्रयास किए जा रहे हैं। लड़की की शादी उस घर में, जिस घर में हो शौचालय जैसे स्लोगन के जरिए लोगों को शौचालय के फायदों से अवगत कराया जा रहा है। शौचालय व साफ-सफाई के मामले में आदर्श गांवों को निर्मल गांव की संज्ञा देकर राष्ट्रपति अवार्ड प्रदान किया जा रहा है। पूर्णिया पूर्व प्रखंड के कवैया पंचायत को वर्ष 2008 में निर्मल गांव के लिए राष्ट्रपति अवार्ड मिल चुका है। इस पंचायत की मौजूदा दशा भी निर्मल भारत अभियान के दावे को मुंह चिढ़ाता नजर आता है।

उधर, अब इंदिरा आवास योजना के साथ शौचालय निर्माण के लिए भी राशि उपलब्ध करायी जा रही है। हाल ही में जिले के सभी प्रखंडों में इस योजना के साथ 668 शौचालयों के निर्माण के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारियों को 30.78 लाख रूपये प्रदान किए गए हैं। मनरेगा के तहत जिले में 14,715 शौचालय निर्माण के लिए 6 करोड़ 76 लाख रूपये की राशि जिले के लिए उपलब्ध करायी गई है। निर्मल भारत अभियान के तहत 4600 व मनरेगा के तहत 4500 रूपये प्रदान किए जाने का प्रावधान है।

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कोट :- 'पूर्णिया में 7 पंचायतों का चयन कर सर्वे कराया जा रहा है। इन पंचायतों को खुले में शौच मुक्त क्षेत्र बनाया जाएगा। जिले में निर्मल भारत अभियान व मनरेगा के जरिए लोगों को शौचालय बनाने के लिए राशि उपलब्ध करायी जा रही है। शौचालय निर्माण के लिए लोगों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है।'

संजय बैठा, जिला समन्वयक, पीएचईडी।


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