दियारा क्षेत्र में मंडराने लगा कटाव का खतरा
रूपौली (पूर्णिया), संस : रूपौली का दक्षिणी इलाका सदियों से बाढ़, कटाव से त्रस्त है तथा आजतक इस समस्या के निदान के लिए सरकारी स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। जिससे यहा के लगभग आधा दर्जन गाव कोसी के गर्भ में समा चुके हैं तथा कई गाव उसके निशाने पर हैं। बताते चलें कि कोसी नदी रूपौली के दक्षिणी किनारे से लगभग 25 किलोमीटर सीमा क्षेत्र में बहती है। जिसके किनारे विजय, लालगंज, अंझरी, बिंदटोली, टोपड़ा, साधोपुर, सहोड़ा, पुरानीनंदगोला, कोशकीपुर आदि गाव हैं। कोसी पहले ही विजय, बिंदटोली, अंझरी गाव का आजाद नगर, घोबिनिया बासा को कई बार तहस-नहस कर चुकी है। अब उसका निशाना नये विजय गाव, अंझरी मूल बस्ती, टोपडा, नये बिंदटोली, सहोडा, नयी नंदगोला, कोशकीपुर आदि गाव पर है। कोसी का कटाव बड़ी तेजी से ना सिर्फ यहा की उपजाउ जमीन काटती चली जा रही है, बल्कि वह गावों के किनारे भी पहुंच चुकी है। बाढ़ एवं कटाव से बचाने के लिए जिला पार्षद मस्तराज जायसवाल सहित अनेक लोगों ने सरकारी स्तर पर गुहार लगायी है परंतु वादों को छोड़ अबतक कुछ भी हासिल नहीं हो पाया है। पिछले साल जल संसाधन विभाग द्वारा कई उच्चाधिकरी यहा आए थे तथा सर्वे भी किया था। जिसमें कहा गया कि विजय गाव से सहोडा एवं सहोडा से कोशकीपुर तक दो चरणों में काम किये जाएंगे। इसमें रिंग बांध सहित कटाव से बचाव के लिए ठोकर का निर्माण होना था। परंतु आज तक काम शुरू नहीं हुआ। अंझरी गाव के मो0 मुजाहिर, मो0जब्बार, विनोद गुप्ता विजय गाव से पूर्व विधायक शंकर सिंह, हरेकृष्ण यादव आदि ने सरकार से बाढ़ एवं कटाव से मुक्ति दिलाने की माग की है।