कोसी में अब रोटी के लिए नहीं बिकेगी बेटी
राजीव कुमार, पूर्णिया : कोसी में रोटी के लिए अब किसी गरीब की बेटी नहीं बिकेगी। नौकरी या शादी का झांसा देकर लड़कियों को ले जाने के मामलों पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। कोसी में पांच वर्षो के दौरान झांसे देकर ले जाई गई 129 लापता लड़कियों के मामलों की जांच अब सीआइडी करेगी। इन लड़कियों से जुड़े मामले कोसी के विभिन्न थानों में दर्ज हैं। मगर वर्षो बीतने के बाद भी पुलिस इनमें कोई सुराग हासिल नहीं कर पाई है। सीआइडी उन 18 दलालों की संपत्ति भी जब्त करेगी जो वर्षो से मानव व्यापार के धंधे को अंजाम दे रहे हैं। उनके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज करेगी।
सीआइडी की एसपी किम शर्मा ने बताया कि मानव व्यापार करने वाले दलालों पर शिकंजा कसने के लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है।
कोसी के जिलों पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, सहरसा, सुपौैल मधेपुरा एवं खगड़िया में हर वर्ष नौकरी का झांसा देकर बड़ी संख्या में दलाल लड़कियों को ले जाते हैं। गरीबी एवं अशिक्षा के कारण इन लड़कियों के परिजन दलालों के झांसे में आ जाते हैं। अपनी संतानों को खो बैठते हैं।
लड़कियों के लापता होने से सबसे अधिक मामले खगड़िया एवं सहरसा जिले में हैं। यहां पांच वर्षो के दौरान 23 एवं 21 लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर ले जाने के मामले थानों में दर्ज हुए हैं। इसी तरह पूर्णिया जिले में 18, किशनगंज में 11 एवं अररिया में 15 लड़कियों के गायब होने के मामले दर्ज हैं। कटिहार जिले में 19 एवं सुपौल जिले में नौ तथा मधेपुरा में 12 मामले दर्ज हैं। इन मामलों के थानों में दर्ज होने के दो-तीन वर्षो बाद भी पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। 129 मामलों में 68 की तो पुलिस ने जांच के बाद फाइलें भी बंद कर दी हैं।
मानव व्यापार पर नकेल कसने के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय ने इन सभी मामलों की फिर से सीआइडी जांच कराने का निर्देश दिया है। ताकि इस अवैध धंधे पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके। कोसी में सक्रिय दलालों में सबसे अधिक पूर्णिया किशनगंज एवं सहरसा जिले के निवासी हैं।