बिहार के निजी CBSE स्कूलों को ले बड़ा खुलासा, यकीन नहीं करेंगे आप, जानिए
बिहार के निजी स्कूलों में एडमिशन के लिए भागदौड़ करने वाले अभिभावकों के लिए यह राहत भरी खबर है। सीबीएसई के अनुसार निजी स्कलों के रिजल्ट सरकारी स्कूलों के सामने कहीं नहीं ठहरते।
पटना [अमित आलोक]। बिहार में सीबीएसई के निजी स्कूलों का क्रेज जबरदस्त है। लेकिन, यह खुलासा आपकोे हैरान कर देगा कि ये सुविधासंपन्न निजी स्कूल रिजल्ट के मामले में सरकारी स्कूलों के सामने कहीं नहीं ठहरते। नवोदय व सेंट्रल स्कूल बेहतर रिजल्ट देते आ रहे हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि सीबीएसइ 10वीं व 12वीं के रिजल्ट की समीक्षा के दौरान में ये बात सामने आयी है।
आंकड़ों के अनुसार 2013 से 2017 तक निजी स्कूलों का रिजल्ट औसतन 75 फीसद रहा है, जबकि नवोदय और सेंट्रल स्कूलों का रिजल्ट 94 फीसद के लगभग रहा है। इसके बावजूद अभिभावक सरकारी स्कूलों को प्राथमिकता नहीं देते। एक सीबीएसई अधिकारी ने कहा कि संभव है कि गिनती के कुछ निजी स्कूल के रिजल्ट सरकारी स्कूलों से बेहतर हों, लेकिन समग्रता में निजी स्कूलों के रिजल्ट सरकारी से पीछे ही रहते हैं।
सरकारी स्कूलों में ट्रेंड शिक्षक, कम शुल्क
सरकारी स्कूलों की बात करें तो नवोदय विद्यालय में एक छात्र पर सालाना दो हजार रुपये का खर्च आता है। सेंट्रल स्कूल में भी फीस कम है। इन सरकारी सीबीएसई स्कूलों के शिक्षक निर्धारित योग्याता वाले व ट्रेंड होते हैं। सरकारी स्कूलों में योग्य शिक्षकों व कम श्ुाल्क के बावजूद अभिभावक मोटी रकम देकर प्राइवेट स्कूलों में बच्चे के नामांकन के लिए बेचैन होते हैं।
सीबीएसइ के पटना रिजनल आॅफिसर एलएल मीणा के अनुसार प्राइवेट स्कूलों में सामान्यत: एडहॉक शिक्षकों की बहाली होती है। वे समय-समय पर बदलते भी रहते हैं। इसका असर रिजल्ट पर भी पड़ता है।
नवोदय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य सीबी सिंह कहते हैं कि नवोदय विद्यालय में आधारभूत संरचना का पूरा ख्याल रखा जाता है। हर छात्र पर ध्यान रखा जाता है। इससे रिजल्ट बेहतर होता है। सेंट्रल स्कूल (बेली रोड, पटना) के प्राचार्य एस वल्लभ बताते हैं कि उनके यहां शिक्षकों को बेहतर पढ़ाने पर प्रोत्साहन स्वरूप इनाम व सम्मान मिलता है. जिससे शिक्षक भी पूरी लगन से पढ़ाते हैं। इससे सरकारी स्कूलों के रिजल्ट बेहतर होते हैं।
25 सालों से टॉप पर है नवोदय का रिजल्ट
बात रिजल्ट की करें तो सरकारी स्कूल टॉप पर हैं। नवोदय विद्यालय लगताार 26 सालों से रिजल्ट देने में टॉप पर है। 1992 से लेकर 2017 तक के 10वीं और 12वीं के रिजल्ट में नवोदय विद्यालय का पास परसेंटेज 96 से अधिक रहा है। सेंट्रल स्कूल भी ऐसा ही रिजल्ट देते रहे हैं। दूसरी ओर निजी स्कूलों के रिजल्ट में पास फीसद लगातार कम हो रहे हैं।
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निजी स्कूलों में गिर रहा पास फीसद
पटना जोन के निजी स्कूलों की बात करें तो 2015 में जहां 12वीं का पास फीसद 76.03 रहा था, वहीं 2016 में यह गिरकर 75.61 फीसद रह गया। 2017 में निजी स्कूलों का और गिरकर 74 फीसद ही रह गया। इस साल तो कई नामी स्कूलों के रिजल्ट भी खराब रहे।
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पांच सालों में पटना जोन के निजी स्कूलों के रिजल्ट (फीसद में)
2013: 76.06
2014: 75.33
2015: 76.04
2016: 75.61
2017: 74
पांच सालों में पटना जोन के नवोदय स्कूलों के रिजल्ट (फीसद में)
2013: 98.06
2014: 97.33
2015: 96.76
2016: 95.16
2017: 98
पांच सालों पटना जोन के सेंट्रल स्कूलों के रिजल्ट (फीसद में)
2013: 91.56
2014: 92.34
2015: 93.54
2016: 92.90
2017: 94