महिला रेलकर्मियों को कार्यस्थल पर मिले तमाम सुविधाएं
पटना। महिला रेलकर्मियों को कार्यस्थल पर वैसी तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएं जो एक महिला
पटना। महिला रेलकर्मियों को कार्यस्थल पर वैसी तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएं जो एक महिला के लिए दैनिक जीवन में अनिवार्य है। महिला जिस भी दफ्तर में काम करती हैं तो उनके लिए अलग से शौचालय व चेजिंग रूम बनाया जाए। महिला रेलकर्मियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी। यह बात शुक्रवार को पटना रेलवे कॉलोनी सभागार में आयोजित ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के सातवें जोनल महिला सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मृदुला कुमारी एवं मीना कुंडू ने कहीं।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में एआइआरएफ के राष्ट्रीय महासचिव शिवगोपाल मिश्र ने केंद्र की सरकार को कर्मचारी विरोधी बताते हुए कहा कि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के बाद भी भत्ते एवं अन्य देय सुविधाओं को डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी लागू नहीं करना कर्मचारियों के साथ अन्याय है। सभा को संबोधित करते हुए ¨हद मजदूर सभा के नागेश्वर ने कहा कि रेलवे में काफी संख्या में महिलाएं काम कर रही हैं। उनके लिए पर्याप्त सुविधाएं मिलनी चाहिए। ईसीआरकेयू के महासचिव शशिकांत पांडेय ने महिला रेलकर्मियों के लिए सभी दफ्तरो में अलग से शौचालय बनाने की मांग की। इस मौके पर इरविन बारला एवं पटना के शाखा मंत्री सुनील सिंह ने महिला रेलकर्मियों की दस सूत्री मांगों को रखा। मीडिया समन्वयक एके शर्मा ने मांगों के संबंध में कहा कि सभी महिला रेलकर्मियों के लिए स्टाफ रूम, शौचालय, महिला उत्पीड़न सेल का गठन करने, पालना घर बनाने, मातृत्व अवकाश कम से कम एक साल करने, स्थानांतरण में मानवीय दृष्टिकोण रखने, फ्लेक्सी टाइमिंग व फ्लेक्सी कार्यस्थल की व्यवस्था करने, पति-पत्नी को एक ही जगह रखने, विकलांग संतान होने पर स्थानांतरण पर रोक, ट्रैकमैन में कार्यरत महिला को दूसरे विभागों में पदस्थापन करने एवं प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को अलग रखने की मांग की गई। इस मौके पर ईसीआरकेयू के एसएसडी मिश्र, एसएनपी श्रीवास्तव, एससी त्रिवेदी, एके शर्मा, विजय कुमार एवं नीरज सिंह ने भी अधिवेशन में अपने विचार रखे।