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राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का मास्टर स्‍ट्रोक, दलित के खिलाफ महिला दलित प्रत्याशी

राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने मास्‍टर स्‍ट्रोक लगाया है। भाजपा के दलित प्रत्‍याशी रामनाथ काेविंद के खिलाफ विपक्ष ने महिला दलित प्रत्‍याशी मीरा कुमार को खड़ा कर दिया है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 07:57 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 11:57 PM (IST)
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का मास्टर स्‍ट्रोक, दलित के खिलाफ महिला दलित प्रत्याशी
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का मास्टर स्‍ट्रोक, दलित के खिलाफ महिला दलित प्रत्याशी

पटना [अमित आलोक]। राष्‍ट्रपति चुनाव में इस बार एनडीए व यूपीए के प्रत्‍याशी बिहार से हैं। स्‍पष्‍ट है कि रायसीना का रास्‍ता बिहार से होकर जाता दिख रहा है। लेकिन, इन दोनों प्रत्‍याशियों को लेकर बिहार के सत्‍ताधारी महागठबंधन में विवाद भी सतह पर आ गया है।

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भाजपा ने 20 जून को बिहार के राज्‍यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्‍याशी घोषित किया। कोविंद दलित वर्ग से हैं। भाजपा के इस दलित कार्ड से विपक्ष में सकते में था। इस बीच बिहार के मुख्‍यमंत्री व जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने कोविंद को समर्थन दे दिया। इससे विपक्ष की मुश्किलें और बढ़ गईं।

भाजपा के दलित कार्ड के खिलाफ विपक्ष को एक ऐसा प्रत्‍याशी चुनना था, जो कोविंद के मुकाबले खड़ा हो सके। भाजपा समझती थी कि दलित प्रत्‍याशी का विरोध करना कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष के लिए मुश्किल होगा। लेकिन, गुरुवार को विपक्षी दलों ने बैठक कर पूर्व लोकसभा अध्‍यक्ष मीरा कुमार के नाम की घोषणा कर भाजपा के सामने समस्‍या खड़ी कर दी है।

मीरा कुमार भी दलित वर्ग से हैं। मशहूर स्‍वतंत्रता सेनानी व दलित नेता बाबू बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार पांच बार लोकसभा सांसद व लोकसभा की पहली महिला स्पीकर रह चुकी हैं।

बिहार की मीरा कुमार काे प्रत्‍याशी चुनना विपक्ष के लिए इसलिए भी जरूरी हो गया था कि कोविंद के बिहार के लिए 'साराहनीय कार्य' उन्‍हें जदयू का समर्थन दिला गई है। उधर, आम आदमी पार्टी ने भी यूपीए का दलित उम्मीदवार होने पर समर्थन का दावा किया था। ऐसे में विपक्ष ने मीरा कुमार के रूप में बिहार की बेटी को राष्ट्रपित पद के उम्मीदवार के रूप में सामने कर दिया है।

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रणनीति स्‍पष्‍ट है। कोविंद के मुकाबले बिहार की बेटी व दलित नेता मीरा कुमार को खड़ा कर अब विपक्षी दल जदयू पर समर्थन का दबाव बना रहे हैं। तर्क यह कि मीरा किसी मायने में कोविंद से कमतर नहीं। साथ ही वे महिला भी हैं। महिला सशक्‍तीकरण के पक्षधर नीतीश कुमार पर अतिरिक्‍त दबाव है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद व कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष अशोक चौधरी ने भी नीतीश से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

बहरहाल, परिण्‍ााम जो भी हो, एक दलित के सामने महिला दलित प्रत्‍शशी देकर विपक्ष ने भाजपा के फ्री हैंड पर ब्रेक लगाने की कोशिश की है।अब आगे-आगे देखिए होता है क्‍या।

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