Move to Jagran APP

जदयू के विजय चौधरी बने बिहार विधानसभा के 15 वें स्पीकर

जदयू के विजय चौधरी सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा के १५ वें स्पीकर बन गए। 78 साल के इतिहास में विजय कुमार चौधरी ने15वें अध्यक्ष के रुप में अपना पद ग्रहण किया। सदन में कल ही सर्वसम्मति से उनके नाम पर मुहर लग गई थी। आज विधिवत उनकी ताजपोशी की गई।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2015 08:03 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2015 02:38 PM (IST)
जदयू के विजय चौधरी बने बिहार विधानसभा के 15 वें स्पीकर

पटना। जदयू के विजय चौधरी सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा के 15 वें स्पीकर बन गए। 78 साल के इतिहास में विजय कुमार चौधरी ने15वें अध्यक्ष के रुप में अपना पद ग्रहण किया। सदन में कल ही सर्वसम्मति से उनके नाम पर मुहर लग गई थी। आज विधिवत उनकी ताजपोशी की गई।

loksabha election banner

विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही प्रोटेम स्पीकर सदानंद सिंह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सदन में पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने अपनी सहमति दे दी। सबने ताली बजाकर उनका अभिवादन किया। फिर मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष ने उन्हें उनके आसन पर ले जाकर बैठाया। सभी सदस्यों ने ताली बजाकर उनका अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने उन्हें स्पीकर बनने पर बधाई दी ।

विजय चौधरी से जुड़ी कुछ मुख्य बातें :-

जदयू नेता विजय चौधरी नीतीश कुमार की पूर्ववर्ती सरकार में नंबर दो के मंत्री थे। वे नीतीश कुमार के बेहद करीबी लोगों में से एक हैं। इस बार16वीं विधानसभा के लिए निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए।

राजनीतिक जीवन:-

विधायक पिता जगदीश प्रसाद चौधरी की मृत्यु के बाद विजय ने बैंक अधिकारी की नौकरी छोड़ी और सबसे पहले 1982 में दलसिंहसराय से कांग्र्रेस के टिकट पर विधानसभा सदस्य बने।

वैसे कांग्र्रेस से उनका रिश्ता छात्र जीवन से ही था। पटना विश्वविद्यालय से इतिहास में एमए करने के बाद 1979 में वह बैंक की नौकरी में चले गए। पहली नियुक्ति त्रिवेंद्रम में हुई थी।

दोबारा लौटकर आए तो लगातार तीन बार विधायक बने। वर्ष 2000 से 2005 तक वह बिहार प्रदेश कांग्र्रेस के महासचिव और अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्र्रेस की कार्यकारिणी में रहे।

नीतीश कुमार से नजदीकी संबंध के कारण बाद में वह जदयू में आ गए, जहां 2008 में उन्हें महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता बनाया गया।

विधानसभा चुनाव के पहले नीतीश कुमार ने फरवरी 2010 में उन्हें बिहार में पार्टी की कमान सौंप दी। राजनीति में खुद को सत्यापित-स्थापित करने से ज्यादा मुश्किल होता है उम्मीदों पर खरा उतरना।

नीतीश के भरोसे पर चौधरी पूरी तरह खरे उतरे। उनके नेतृत्व में जदयू को बिहार विधानसभा में अबतक की सबसे बड़ी जीत हुई। 115 सीटें मिलीं। खुद भी सरायरंजन सीट से विधायक बने।

नीतीश कुमार की सरकार में उन्हें जल संसाधन मंत्री बनाया गया। जीतनराम मांझी की सरकार के दौरान 13 फरवरी 2015 को विजय कुमार चौधरी को जदयू विधायक दल का नेता भी चुना गया।

प्रोफाइल

पिता : जगदीश प्रसाद चौधरी (स्वतंत्रता सेनानी)

जन्म : 8 जनवरी 1957

पत्नी : गंगा चौधरी

शैक्षणिक योग्यता : एमए इतिहास (पटना विश्वविद्यालय)

विधानसभा क्षेत्र : सरायरंजन

कब-कब बने विधायक : 1982, 85, 90, 2010 और 2015

78 वर्षों में अबतक 14 अध्यक्ष

बिहार विधानसभा के इतिहास में सबसे अधिक समय तक विंध्येश्वरी प्रसाद वर्मा अध्यक्ष रहे थे। उसके बाद उदय नारायण चौधरी लगातार 10 साल तक अध्यक्ष रहे। सबसे कम मो. हिदायतुल्ला खां लगभग एक साल इस पद पर रहे।

सबसे कम समय तक अध्यक्ष रहने वालों में दूसरे नंबर पर धनिक लाल मंडल हैं, जो लगभग दो साल रहे। लगातार दो बार अध्यक्ष रहने वालों में सिर्फ एक नाम है उदय नारायण चौधरी का।

कब-कब कौन बना अध्यक्ष

नाम अवधि

1. रामदयालु सिंह : 23 जुलाई 1937 से 11 नवंबर 1944

2. विंध्येश्वरी प्रसाद वर्मा : 25 अप्रैल 1946 से 14 मार्च 1962

3. लक्ष्मी नारायण सुधंाशु : 15 मार्च 1962 से 15 मार्च 1967

4. धनिकलाल मंडल : 16 मार्च 1967 से 10 मार्च 1969

5. राम नारायण मंडल : 11 मार्च 1969 से 20 मार्च 1972

6. हरिनाथ मिश्र : 21 मार्च 1972 से 26 जून 1977

7. त्रिपुरारी प्रसाद सिंह : 28 जून 1977 से 22 जून 1980

8. राधानन्दन झा : 24 जून 1980 से 01 अप्रैल 1985

9. शिवचन्द्र झा : 4 अप्रैल 1985 से 23 जनवरी 1989

10. मो. हिदायुतल्ला खां : 27 मार्च 1989 से 19 मार्च 1990

11. गुलाम सरवर : 20 मार्च 1990 से 9 अप्रैल 1995

12. देव नारायण यादव : 12 अप्रैल 1995 से 6 मार्च 2000

13. सदानंद सिंह : 9 मार्च 2000 से 28 जून 2005

14. उदय नारायण चौधरी : 30 नवंबर 2005 से 29 नवंबर 2010

15. उदय नारायण चौधरी : 2 दिसंबर 2010 से 28 नवंबर 2015


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.