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देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति: तीस्ता सीतलवाड़

केंद्र सरकार लोकतंत्र की बुनियाद पर लगातार हमला कर रही है। देश में अघोषित रूप से आपातकाल लागू कर दिया गया है। सरकार संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा जमाना चाहती है। 1975 में भी आपातकाल लागू करने से पहले इसी तरह की स्थिति पैदा की गई थी।

By Pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2015 07:51 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2015 01:15 PM (IST)
देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति: तीस्ता सीतलवाड़

पटना। केंद्र सरकार लोकतंत्र की बुनियाद पर लगातार हमला कर रही है। देश में अघोषित रूप से आपातकाल लागू कर दिया गया है। सरकार संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा जमाना चाहती है। 1975 में भी आपातकाल लागू करने से पहले इसी तरह की स्थिति पैदा की गई थी।

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ये बातें प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने सोमवार को जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल रिसर्च की ओर से एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान में आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कहीं। सेमिनार का विषय 'लोकतंत्र में चुनौतियां' था।

उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं से कहा कि वे लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरे से बचाव के लिए बुद्धिजीवी वर्ग को संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद करें।

कहा, नरेंद्र मोदी सरकार का मीडिया और माइंस पर पूरी तरह से कब्जा हो चुका है। न्यायपालिका पर भी कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। पूर्व की सरकारों द्वारा जनता को दिए गए अधिकारों को छीनने की कोशिश की जा रही है।

तीस्ता ने कहा कि वन का अधिकार देकर आदिवासियों को संरक्षण प्रदान किया गया था, लेकिन भूमि अधिग्रहण कानून से अब उन्हें अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। सरकार आदिवासी, दलितों एवं अल्पसंख्यकों को टारगेट कर रही है। केन्द्र सरकार ने आदिवासियों की भूमि पर अतिक्रमण कर पिछले चार माह में 240 योजनाओं को मंजूरी दी है।

उन्होंने कहा कि योजना आयोग को भंग कर गरीबों को विकास की धारा से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है। योजना आयोग समाज के सभी वर्गों के विकास की योजना बनाता था, जबकि नीति आयोग में इसका प्रावधान नहीं है। केंद्र ने मनरेगा की राशि में 45 फीसद की कटौती की है। इससे मजदूरों की मौत की घटनाएं बढ़ी हैं।

उन्होंने कहा, केन्द्र सरकार भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहती है जो आरएसएस का मुख्य एजेंडा है। आरएसएस का देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है। समारोह की अध्यक्षता एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान के निदेशक डॉ. डीएम दिवाकर ने की।

अतिथियों का स्वागत जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च के निदेशक डॉ. फादर जोश कलापुरा ने किया। कार्यक्रम का संचालन हसन इमाम ने किया। इस अवसर पर पद्मश्री सुधा वर्गीज, मीरा दत्त, मुनिजा खान आदि उपस्थित थीं।


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