अच्छा... तो यह है जदयू-राजद झगड़े की असली वजह!
बिहार के राजनीतिक गलियारों में कई दिनों चले आ रहे राजद और जदयू के बीच के विवाद की असली वजह सामने आ गई है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। राष्ट्रपति चुनाव तो बहाना है। राजद और जदयू के बीच झगड़े की वजह कुछ और है। अब बिहार के राजनीतिक गलियारे में मदद की गुहार लेकर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से राजद नेताओं की मुलाकात की कहानी चर्चा में आ गई है।
केस में मदद के लिए केंद्रीय मंत्री से राजद नेताओं की मुलाकात की खबर दिल्ली से ही लीक हुई। वाकया सुनाया जा रहा था तो कई चर्चित पत्रकार वहां मौजूद थे। इस बारे में जदयू के एक कद्दावर नेता जो राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री भी हैंं, केंद्रीय मंत्री से जानकारी भी ले चुके हैं।
जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने माना कि उन्हें यह कहानी पहले से पता है और पीठ में छूरा मारने वाली इस प्रवृत्ति को लेकर वे लोग व्यथित हैं। इस बारे में राजद की ओर से कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि मुझे इस संबंध में कुछ नहीं कहना।
क्या है चर्चा में
राजद के एक बड़े नेता जो अब वैधानिक रूप से बिहार के नेता नहीं हैं, अप्रैल महीने में केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक कद्दावर मंत्री से मिले थे। उनकी मंशा यह थी कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक पुराने मामले में उनके आलाकमान की मदद की जाए। इस मदद के बदले वह और उनकी पार्टी बिहार में उनकी मदद करेगी।
मदद ऐसी होगी कि जदयू के शीर्ष नेता परेशान हों। इसके दो दिन बाद स्वयं आलाकमान भी उसी केंद्रीय मंत्री से उनकेघर पर मिले। अनुरोध किया कि उन्हें राहत मिल जाती है तो वे भाजपा के सबसे बड़े विरोधी जदयू नेता की परेशानी बढ़ाने से पीछे नहीं हटेंगे। इसके बाद आका और सिपहसलार दोनों वहां से लौट गए।
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दिल्ली की बात चलते हुए पटना पहुंच गई है। चर्चा है कि छोटे भाई और बड़े भाई के बीच झगड़े की मूल वजह यही है। जदयू के वरिष्ठ नेता भी इस वजह से इन्कार नहीं करते और राजद ने चुप्पी साध रखी है।
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