बिहार चुनाव के तीसरे चरण में 215 का दामन दागदार, 162 पर गंभीर मामले
बिहार की राजनीति में तमाम दल भले विकास की बातें कर रहे हों, पर हकीकत यह है कि टिकट देते वक्त सिद्धांत ताक पर रख दिए जाते हैं। राजनीतिक दल ऐसे लोगों पर दांव लगाने में ज्यादा विश्वास करते हैं जिनके नाम आपराधिक रिकॉर्ड हो या फिर वे ध्ानवान हों।
पटना। बिहार की राजनीति में तमाम दल भले विकास का रट्टा मारते नजर आ रहे हों, पर हकीकत है कि टिकट देते वक्त तमाम सिद्धांत ताक पर रख दिए जाते हैं। राजनीतिक दल ऐसे लोगों पर दांव लगाने में ज्यादा विश्वास करते हैं जिनके नाम आपराधिक रिकॉर्ड हो या फिर कम से कम वह जेब के मामले में धन्ना सेठ हो।
बिहार इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स ने तीसरे चरण के चुनाव के पहले राजनीतिक दलों के उन तमाम प्रत्याशियों के शपथ पत्र का जो विश्लेषण किया है वे भी इस बात की तस्दीक करते हैं।
सोमवार को जारी रिपोर्ट बताती है कि तीसरे चरण के चुनाव में 808 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन उम्मीदवारों में से 162 पर गंभीर अपराध और 215 उम्मीदवारों पर साधारण किस्म के आपराधिक मामले दर्ज हैं।
सबसे ज्यादा आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार पटना की अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से भाग्य आजमाइश कर रहे हैं। पटना की अलग-अलग विधानसभा सीट से 32 ऐसे उम्मीदवार हैं जिन पर कोई न कोई आपराधिक मामला दर्ज है।
दूसरे पायदान पर जो जिला है वह है सारण। सारण की अलग-अलग विधानसभा सीट पर कुल 25 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार मैदान में हैं। महत्वपूर्ण यह भी है कि तीसरे चरण के चुनाव में 13 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके पास दस करोड़ से अधिक की संपत्ति है। औसत उम्मीदवारों के पास भी कम से कम 2.40 करोड़ की संपत्ति निश्चित तौर पर है।
जिन पर दर्ज हैं हत्या के मामले
तीसरे चरण के चुनाव में 31 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या के मामले दर्ज होने का ब्योरा दिया है। कुम्हरार से निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले अजय कुमार पर हत्या के आठ मामले हैं। जबकि समरस समाज पार्टी उम्मीदवार राजीव रंजन सिंह पर हत्या के सात, मोकामा से निर्दलीय मैदान में खड़े अनंत सिंह पर भी पांच-पांच मामले हैं जो हत्या से जुड़े हैं। तीसरे चरण में भाजपा के 5, सीपीआइ एमएल ए के 3, जेडीयू, राजद और सीपीआई के 2-2, सपा, गरीब जनता दल, जन अधिकार पार्टी, सीपीआई एम, शिवसेना और बसपा के एक-एक उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या का मामला चलने की जानकारी दी है।
संपत्ति में भी प्रत्याशी अव्वल
तीसरे चरण के चुनाव में 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित करने वाले कुल उम्मीदवारों की संख्या 3 है। जिनके पास दस से पचास करोड़ की संपत्ति है ऐसे उम्मीदवार है 10, जबकि एक से दस करोड़ तक की संपत्ति वाले प्रत्याशियों की तादाद है 193। विक्रम से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रमेश शर्मा के पास 928 करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति है तो बाढ़ से निर्दलीय मैदान में उतरे डॉ. कुमार इंद्रदेव के पास 111 करोड़ तथा बसपा के टिकट पर बख्तियारपुर से चुनाव लड़ रहे अखिलेश कुमार के पास 61 करोड़ से अधिक की संपत्ति है।
.दो उम्मीदवार सबसे गरीब
तीसरे चरण के चुनाव में 808 उम्मीदवारों में दो प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके पास सबसे कम संपत्ति है। वास्तव में इनका घोषणा पत्र बताता है कि इनके पास कुल संपत्ति है शून्य। यह उम्मीदवार हैं अस्थावां से निर्दलीय लड़ रहे योगेश्वर मांझी और फतुहा से निर्दलीय कुमार राजीव हैं। इनके अतिरिक्त नालंदा से सीपीआइ एमएल एल प्रत्याशी मनमोहन कुमार व आरा से भारतीय जागरण पार्टी प्रत्याशी उमेश्वर मिश्रा के पास कुल दो हजार की संपत्ति है।
सबसे ज्यादा दागी पटना में
तीसरे चरण में 50 सीटों पर होने वाले चुनाव में 41 ऐसे क्षेत्र हैं, जिन्हें दागी क्षेत्र माना गया है। इन क्षेत्रों में शामिल हैं नालंदा, पटना, वैशाली, भोजपुर, सारण। यहां जान लें कि नालंदा की अलग-अलग विधानसभा सीट पर कुल 21 दागी उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि पटना की अलग-अलग सीटों पर 32, सारण में 25, वैशाली में 12, भोजपुर में 8 ऐसे उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिन पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। यहां जिन प्रत्याशियों की चर्चा की जा रही है उनमें भाजपा, जदयू, राजद, सीपीआई, बसपा, जन अधिकार पार्टी गरीब आदमी पार्टी कांग्रेस, लोजपा तथा भारत भ्रष्टाचार मिटाओ पार्टी के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार हैं।