ये हैं नीतीश सरकार के नौ 'रतन', जिन्होंने लगाया है उनकी साख पर बट्टा
बिहार में बीते कुछ महीनों में करीब दर्जन भर अपराध के एेसे मामले आए हैं जिसमें सत्तारूढ़ महागठबंधन के जनप्रतिनिधियों पर कानून तोड़ने का आरोप लगा है। इनके कारेण नीतीश सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है।
पटना। बिहार में बीते कुछ महीनों के दौरान अपराध के दर्जन भर एेसे मामले सामने आए हैं, जिनमें सत्तारूढ़ महागठबंधन के जनप्रतिनिधियों पर कानून तोड़ने के आरोप लगे हैं। इनमें कई जमानत ले चुके हैं, लेकिन कई अभी भी सलाखों के पीछे दिन काट रहे हैं। आइए, डालते हैं नजर इन चेहरों पर, जिनके कारण नीतीश कुमार की सरकार परेशान है।
डालते हैं एक नजर एेसे नामों पर, जो हैं चर्चित
मनोरमा देवी
नीतीश सरकार की पहली रतन की बात करें तो इसमें पहला नाम है मनोरमा देवी का, जिनके बेटे रॉकी यादव ने एक व्यवसायी पुत्र की मामूली बात पर गोली मारकर हत्या करने का आरोप है और मनोरमा देवी भी अपने घर से विदेशी शराब बरामदगी मामले में अभियुक्त हैं। मनोरमा देवी अपने पति बिंदी यादव, बेटे रॉकी यादव सहित जेल की सलाखों के पीछे हैं और कोर्ट में तीनों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। फिलहाल जेल में बंद मनोरमा को जदयू ने भी निलंबित कर दिया है।
राजबल्लभ यादव
दूसरे रतन हैं राजद नेता और नवादा से विधायक राजबल्लभ यादव- जिनपर एक नाबालिग छात्रा से कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप है और वे इस मामले में जेल में बंद हैं। इस मामले के उजागर होने के बाद लगभग एक महीने तक राजवल्लभ यादव फरार रहे और उन्हें ढूंढने में पुलिस और प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी फिर लगभग एक महीने बाद एक दिन अचानक इन्होंने 10 मार्च को सरेंडर कर दिया था। आरोप लगने के बाद राजद ने इन्हें निलंबित कर दिया है।
विनय वर्मा
अगले नौरतन हैं नरकटियागंज से कांग्रेस विधायक- विनय वर्मा, जिनपर अप्रैल महीने के अंत में एक स्टिंग अॉपरेशन का मामला सामने आया था जिसमें विधायक विनय वर्मा ने कथित रुप से यह दावा किया था कि इनके घर पर शराब उपलब्ध है और ये अपने मेहमानों को शराब पिला सकते हैं। इस स्टिंग के आधार पर नए बिहार उत्पाद (संशोधन) कानून के तहत विनय वर्मा के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज किए गए और मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने इन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा था।
मालूम हो कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है इनके कैमरे के सामने एेसा कहने के बाद काफी किरकिरी हुई। लेकिन स्टिंग के बाद इनके नरकटियागंज स्थित घर पर छापेमारी भी हुई, लेकिन वहां से शराब बरामद नहीं हुई।
सरफराज आलम
नौरतनों के अगले रतन हैं- जदयू विधायक सरफ़राज़ आलम, जिनपर राजधानी एक्सप्रेस में एक दंपती के साथ दुर्व्यवहार और बेटिकट यात्रा करने का आरोप लगा है और फिलहाल वे जमानत पर हैं। उनपर जनवरी महीने के अंत में बेटिकट यात्रा करने और एक दंपति से दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा है।
अपने उपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने पहले तो कहा कि वे ट्रेन में सफर ही नहीं कर रहे थे फिर सीसीटीवी कैमरे में दिखने के बाद स्वीकार किया कि, हां, ट्रेन में कटिहार से पटना तक यात्रा की, लेकिन किसी दंपती के साथ छेड़खानी से इंकार किया था। मामला सामने आने के बाद पार्टी ने इन्हें भी निलंबित कर दिया।
अब्दुल गफूर
नौरतनों के अगले रतन हैं राजद नेता और नीतीश सरकार में मंत्री अब्दुल गफूर, जिन्होंने मार्च महीने में सीवान जेल में बंद राजद नेता शहाबुद्दीन से मुलाकात की और अबतक चर्चा में बने हुए हैं। दरअसल छह मार्च को गफूर ने राजद के बाहुबली नेता और जेल में बंद मोहम्मद शहाबुद्दीन से जेल में जाकर मुलाकात की और इसकी एक तस्वीर वायरल हो गई जिसमें गफूर शहाबुद्दीन से उनके जेल के एक सजे हुए कमरे में बहुत ही दोस्ताना माहौल मिलते हुए दिखाई दिए। सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद यह मुलाकात फिर चर्चा में है।
बीमा भारती
नौरतनों में शामिल नीतीश सरकार की इस पूर्व मंत्री और वर्तमान में विधायक पर जनवरी महीने में आरोप लगा था कि ये अपने अभियुक्त पति अवधेश मंडल को थाने से छुड़ा ले गई थीं। यह मामला पूर्णिया जिले के मरंगा थाने का है। इस मामले में पूर्णिया के वर्तमान सांसद और जदयू नेता संतोष कुशवाहा पर भी आरोप लगे थे।
विपक्ष के आरोपों के बाद पुलिस मुख्यालय में एडीजी सुनील कुमार ने तब कहा था कि अवधेश मंडल के फरार होने के मामले में बीमा भारती और संतोष कुशवाहा के भूमिका की जांच होगी। पूर्णिया जिला पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक यह जांच पूरी नहीं हुई है।
गोपाल मंडल
नौरतनों में अपने विवादास्पद बयानों के लिए प्रसिद्ध विधायक गोपाल मंडल का नाम अक्सर सुनाई देता रहता है। अपने बयानों के साथ ही अपने कृतियों के लिए प्रसिद्ध कभी बार बालाओं के साथ ठुमके लगाते कभी फिल्म में अभिनय करते दिखते इस विधायक ने अपने एक बयान में कथित रूप से अपने विरोधियों की जीभ काटने की धमकी तक दे डाली थी। वहीं मार्च में अपने बयान में उन्होंने कहा था कि मैं फिर से हत्या की राजनीति शुरु करुंगा और करवाऊंगा। यह बयान सामने आने के बाद 22 मार्च को गोपाल पार्टी से निलंबित कर दिए गए।
हीरा बिंद
बिहारशरीफ के पत्रकार राजेश कुमार को धमकाने के मामले में चर्चा में आए एमएलसी हीरा बिंद के खिलाफ हिलसा थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी। इसके बाद अभी फिलहाल मे ही पंचायत चुनाव मैदान से नहीं हटने पर एमएलसी हीरा बिन्द के सर्मथकों ने महिला मुखिया प्रत्याशी इन्दु देवी और उनके पुत्र रणविजय कुमार को मार-पीटकर अधमरा कर दिया। जख्मी मुखिया प्रत्याशी ने इस घटना में हीरा बिंद समेत तीन लोगों को आरोपित किया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
संतोष कुशवाहा
पूर्णिया से जेदयू सांसद संतोष कुशवाहा भी आए दिन चर्चा में रहते हैं। फिलहाल उनपर बीमा भारती संग मिलकर अवधेश कुशवाहा को भगाने का आरोप है। इससे पहले भी उनपर अपनी ही पार्टी नेताओं को धमकाने का आरोप लगा है।