उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा, सात जिलों में अलर्ट
नेपाल में भूस्खलन से उत्तर बिहार के छह जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। भूस्खलन से गंडक नदी की धारा अवरुद्ध हो गई है, जिससे पानी के तेज बहाव की आशंका बढ़ गई है। राज्य सरकार ने गंडक बराज के सभी 36 गेट को ऊपर तक खोल
जागरण टीम, पटना। नेपाल में भूस्खलन से उत्तर बिहार के छह जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। भूस्खलन से गंडक नदी की धारा अवरुद्ध हो गई है, जिससे पानी के तेज बहाव की आशंका बढ़ गई है। राज्य सरकार ने गंडक बराज के सभी 36 गेट को ऊपर तक खोल दिया है।
एहतियातन सात जिलों पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, छपरा, गोपालगंज और सिवान के जिलाधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। एहतियात के तौर पर गंडक बराज पर निर्मित सभी 36 गेट ऊपर तक खोल दिए गए हैं। गंगा का स्तर अभी नीचे है इसलिए माना जा रहा है कि किसी तरह का खतरा नहीं होगा।
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक नेपाल से 40 हजार 290 क्यूसेक पानी छोडऩे की बात कही गई है, जबकि बिहार में गंडक बराज की क्षमता 8.50 लाख क्यूसेक है। फिर भी बाढ़ की आशंका को लेकर रविवार को जल संसाधन विभाग में पूरी स्थिति की समीक्षा की गई। इस पर केंद्र के स्तर से भी स्थिति की जानकारी मांगी जा रही है। अभियंताओं को हर स्तर पर तैयार रखा गया है। विभाग के मुताबिक बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। बावजूद सभी स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है।
भूस्खलन त्रिवेणी बराज से 200 किलोमीटर की दूरी पर नेपाल क्षेत्र में हुआ है। इतनी दूरी से बराज तक पानी पहुंचने में प्रवाह बहुत कम हो जाएगा। भूस्खलन नेपाल की काली गंडकी नदी में हुआ है, जिसे भारत में गंडक कहते हैं। काठमांडू से 140 किमी दूर इसका स्थान पोखरा है, जहां 25 अप्रैल को पहले दिन आए भूकंप के दौरान पहाड़ टूटकर गिरने से तबाही मची थी।