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जनहित में है GST, लागू होने से इन वस्तुओं के दाम होंगे कम

जीएसटी लागू होने के बाद लगभग उपभोक्ताओं को टैक्स पर टैक्स नहीं देना होगा। व्यवसायियों को इंस्पेक्टर राज से मुक्ति मिलेगी। उपभोक्ता सामग्रियों की कीमतें कम होंगी।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Tue, 27 Jun 2017 03:05 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jun 2017 11:05 PM (IST)
जनहित में है GST, लागू होने से इन वस्तुओं के दाम होंगे कम
जनहित में है GST, लागू होने से इन वस्तुओं के दाम होंगे कम

पटना [दिलीप ओझा]। जीएसटी लागू होने के बाद किसी भी उत्पाद पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा। उपभोक्ता सामग्रियों वाले वाहनों को चेकपोस्ट पर इंट्री टैक्स के लिए कतार में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। देशभर में एक जुलाई से प्रभावी होने वाली इस सबसे बड़ी कर सुधार प्रणाली से उपभोक्ता सामग्रियों की कीमतें कम होंगी।

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दैनिक जागरण के कार्यालय में 'क्या जीएसटी से पूरी होंगी सबकी की उम्मीदें' विषयक परिचर्चा में उक्त बातें मुख्य वक्ता केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग के आयुक्त विनायक चंद्र गुप्ता ने कहीं। उन्होंने जीएसटी की अवधारणा और इसके होने वाले फायदों पर प्रकाश डाला। 

उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से व्यवसाय में और कर प्रणाली में पारदर्शिता आएगी। इससे जीडीपी में ग्रोथ तो होगा ही, अधिकांश वस्तुओं की कीमत भी कम होने का लाभ सबको मिल सकेगा। आम लोगों की बड़ी उम्मीद पूरी होगी। 

सबसे बड़ा कर सुधार

अब तक केंद्र की ओर से कस्टम, सेवा और राज्य की ओर से वैट, इंट्री और मनोरंजन टैक्स देने लगते थे। राज्यों में दरें भी अलग-अलग थीं। इसे समझना, प्रक्रिया पूरी करना, एक जटिल काम था। एक तरह से कहें तो देश की तुलना में विदेश से व्यापार करना आसान था। अब कस्टम को छोड़ कर सभी कर जीएसटी में समाहित कर दिए गए हैं। इससे एक देश, एक कर और एक मार्केट की व्यवस्था होगी। जाहिर है, व्यवसाय करना सुगम हो जाएगा। 

नई व्यवस्था पारदर्शी और फायदेमंद

जीएसटी में तीन तरह  के प्रावधान किए गए हैं। सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (सीजीएसटी), स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स (एसजीएसटी) और इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स (आइजीएसटी)। जीएसटी से होने वाली आय केंद्र और राज्यों को मिलेंगी।

मसलन, अगर 12 फीसद कर लिया गया है तो इसमें छह फीसद केंद्र को और छह फीसद संबंधित राज्य को मिलेगा। अगर अंतरराज्यीय व्यवसाय हुआ है तो आइजीएसटी लगेगा। मसलन, महाराष्ट्र में मैन्यूफैक्चरिंग हुआ है और यह उत्पाद बिहार में भेजा गया है तो आइजीएसटी के तहत होगा।

जीएसटी डिस्टेनिशन बेस्ड है। अर्थात जहां वस्तु की बिक्री होगी उस प्रदेश को टैक्स मिलेगा। वैसे व्यवसायी जिनका सालाना कारोबार 75 लाख रुपये से कम है वे कम्पोजिशन स्कीम का लाभ ले सकेंगे। 

चार तरह की हैं दरें

जीएसटी में कुल चार तरह की दरें हैं। यह 05, 12, 18 और 28 फीसद हैं। अधिकांश वस्तुएं 18 फीसद तक के दायरे में हैं। लक्जरी आइटम पर ही 28 फीसद कर लगाया गया है। इससे आम लोगों को फायदा होगा। 

रिटर्न फाइल करना सुविधाजनक

पहले अलग-अलग रिटर्न भरना पड़ता था। अब यह व्यवस्था खत्म हो जाएगी। एक रिटर्न भरना पड़ेगा। यह ऑनलाइन भरा जा सकेगा। कार्यलय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। जाहिर है इंस्पेक्टर राज खत्म हो जाएगा।

उत्पादक और विक्रेता दोनों जीएसटी में निबंधित हैं। दोनों अपना खरीद-बिक्री की रिकार्ड ऑनलाइन करेंगे। अब टैक्स रिफंड लेना है तो हर बिक्री का विवरणी अपलोड करना होगा। कोई भी कारोबारी बिक्री कम नहीं दिखा सकता है। बिक्री नहीं दिखाने से रिफंड में हानि होने का खतरा रहेगा। 

जीएसटी से होगा फायदा

व्यापार में पारदर्शिता आएगी। कर चोरी पर विराम लगेगा। इससे सरकार को फायदा होगा। जीडीपी में ग्रोथ की पूरी उम्मीद है। नाका पर चेकिंग में अब तक बहुत समय लगता था। यह रूक जाएगा। मतलब, वस्तुएं समय से और जल्दी पहुंचेंगी।

इससे आमलोगों के साथ ही व्यवसायी तबके को भी लाभ मिलेगा। दोहरी टैक्स कर प्रणाली खत्म हो जाएगी। क्रेडिट भी मिलेगा। इससे चीजों की कीमतें नीचे जाएंगी। विभिन्न वस्तुओं पूरे देश में एक कीमत होगी। इससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा। 

क्या-क्या फायदा 

जीएसटी लागू होने के बाद सिनेमा का टिकट हो जाएगा सस्ता

बिल्डर आपका सर्विस टैक्स जमा नहीं किया तो करें कस्टम विभाग में शिकायत।

एक जुलाई से फ्लैट की भुगतान के बाद बची शेष राशि पर ही लगेगा जीएसटी

बिल्डर को मिलेगा कई निर्माण सामग्री पर रिफंड

पुरानी गाड़ी सीधे ऑनर से खरीदने पर जीएसटी नहीं। 

मैन्यूफैचङ्क्षरग स्टेट के घाटे की भरपाई करेगा केंद्र। 


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