28 किमी के ट्रैक पर 12 हजार करोड़ की लागत से दौड़ेगी मेट्रो
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि पटना शहर की मेट्रो रेल परियोजना के निवेशकों को सरकार हर प्रकार की सुविधा और सुरक्षा मुहैया कराएगी। पटना में मेट्रो का सपना साकार होने के बाद गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर आदि शहरों में भी योजना पर विचार होगा।
पटना। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि पटना शहर की मेट्रो रेल परियोजना के निवेशकों को सरकार हर प्रकार की सुविधा और सुरक्षा मुहैया कराएगी। पटना में मेट्रो का सपना साकार होने के बाद गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर आदि शहरों में भी योजना पर विचार होगा। बुधवार को पटना में मेट्रो रेल परियोजना से संबंधित 'ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट' को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने निवेशकों को बिहार में निवेश का आमंत्रण दिया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई कंपनियों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत आठ-नौ सालों में राज्य ने काफी विकास किया है, लेकिन इसे और भी विकसित करने की जरूरत है। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए मेट्रो रेल का सपना देखा था। 2013 में कैबिनेट की स्वीकृति के बाद राइट्स को योजना का डीपीआर बनाने का काम सौंपा गया था। डीपीआर तैयार है और अब योजना को धरातल पर उतारने की आवश्यकता है। बिहार में मेट्रो रेल का यह पहला प्रोजेक्ट है। इसके पूरा होने के बाद गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर आदि शहरों में भी मेट्रो रेल की सुविधा विकसित की जाएगी।
मांझी ने कहा कि बदलते दौर में लोग ग्रामीण क्षेत्रों से ज्यादा शहरों में रहना चाहते हैं। हम शहरों के साथ गांवों का भी विकास चाहते हैं। अभी हमारे पास आवागमन के अधिकांश साधन सड़कों से जुड़े हैं। हम चाहते हैं मेट्रो रेल जैसे महत्वपूर्ण संसाधन यहां भी हों। सरकार इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए निवेशकों को बिहार आने का निमंत्रण देती है। सरकार पीपीपी मोड के लिए भी तैयार है।
उल्लेखनीय है कि पटना में 28 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर मेट्रो ट्रेन दौड़ाने की जरूरत है। परियोजना लागत 12 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है। फिलहाल रिलायंस, आइएलएफएस, लाइट शेड्स, टाटा रियेलिटी, सीमेंस, जीएमआर, श्री इंफ्रास्टक्चर, वोल्टास, इकोरिस, एलॉयड, एचइसी, एलस्ट्रॉम और सीएनसी आदि परियोजना में निवेश के लिए इच्छुक हैं।