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विधानमंडल व सचिवालय परिसर की सुरक्षा में एनएसजी को मिली कई गड़बडिय़ां

बिना किसी सुरक्षा जांच और प्रवेश पत्र के बिहार विधानमंडल व सचिवालय परिसर में बेधड़क प्रवेश करने वालों के लिए एक बुरी खबर है। आने वाले दिनों में ऐसे लोगों को इन अति महत्वपूर्ण भवन परिसर में प्रवेश की छूट नहीं होगी।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2015 10:35 AM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2015 10:37 AM (IST)
विधानमंडल व सचिवालय परिसर की सुरक्षा में एनएसजी को मिली कई गड़बडिय़ां

पटना (राजीव रंजन)। बिना किसी सुरक्षा जांच और प्रवेश पत्र के बिहार विधानमंडल व सचिवालय परिसर में बेधड़क प्रवेश करने वालों के लिए एक बुरी खबर है। आने वाले दिनों में ऐसे लोगों को इन अति महत्वपूर्ण भवन परिसर में प्रवेश की छूट नहीं होगी। साथ ही, आए दिन कभी नक्सली तो कभी आतंकी हमलों को लेकर बिना किसी तैयारी के कागजी अलर्ट पर रहने वाले इन अतिमहत्वपूर्ण परिसरों की सुरक्षा में अब किसी तरह लापरवाही और चूक भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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दरअसल, केंद्र सरकार के अधीन राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने राजधानी स्थित बिहार विधानमंडल और सभी सचिवालयों की सुरक्षा इंतजामों पर एक बड़ा सर्वे किया है। इस सर्वे में एनएसजी के अधिकारियों ने इन अति महत्वपूर्ण भवनों और उसके परिसर की सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया। सूत्रों के अनुसार एनएसजी ने विधानमंडल व सभी सचिवालयों की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल भी उठाए हैं। इन भवनों के मुख्य द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों का वहां आने वाले लोगों से व्यवहार तक की निगरानी की गई है। बताया जाता है कि एनएसजी के अधिकारियों ने मौजूदा इंतजामों पर भारी आपत्ति व्यक्त करते हुए इसे तुरंत दुरुस्त करने की सलाह राज्य सरकार को दी है। विगत बुधवार की रात एनएसजी, बिहार एटीएस और पटना पुलिस ने संयुक्त रूप से बिहार विधानसभा व सभी सचिवालयों की सुरक्षा को लेकर एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया था। इस मॉक ड्रिल में विधानमंडल व सचिवालयों पर आतंकी हमलों की स्थिति में अंदर फंसे वीवीआइपी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास किया गया था। इस अभ्यास में पटना पुलिस के श्वान दस्ता को भी शामिल किया गया था। इस अभ्यास के बाद एनएसजी ने पाया कि सभी अति महत्वपूर्ण भवनों की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। न तो किसी आगंतुक की मुख्य द्वार पर सुरक्षा जांच की जाती है और न ही इन भवनों के अंदर बैठे वीवीआइपी लोगों को किसी आपात स्थिति में बाहर निकालने की कोई व्यवस्था है। सचिवालय व विधानमंडल की सुरक्षा से जुडे आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनएसजी ने राज्य सरकार को इन भवनों की सुरक्षा को लेकर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं जिन पर सरकार बहुत जल्द अमल करने वाली है।


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