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धरती डोलते ही सतर्क हो गई सरकार, कंट्रोल रूम से लें सभी सूचना

भूकंप की प्रारंभिक सूचना के साथ ही शनिवार को बिहार सरकार सतर्क हो गई।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2015 11:24 AM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2015 11:25 AM (IST)
धरती डोलते ही सतर्क हो गई सरकार, कंट्रोल रूम से लें सभी सूचना

पटना (अरविंद शर्मा)। भूकंप की प्रारंभिक सूचना के साथ ही शनिवार को बिहार सरकार सतर्क हो गई। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने आनन-फानन में सचिवालय पहुंचकर अपने अधीनस्थ अधिकारियों को भी बुला लिया और एसडीआरएफ की छह टीमें विभिन्न जिलों में रवाना कर दिया। लोगों की सहूलियत के लिए कंट्रोल रूम 24 घंटे के लिए खोल दिया गया। अवकाश के बावजूद कार्यालय दिनरात काम करने लगा। सूचनाएं फ्लैश की जाने लगीं। लोगों को अफवाहों से सतर्क किया जाने लगा। पुलिस अधिकारियों को गश्ती पर लगा दिया गया। रेडियो, टीवी से जानकारी दी जाने लगी। घायलों के इलाज के लिए अलग से वार्ड खोल दिए गए। बिजली आपूर्ति को सुचारू करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जाने लगा। कम समय में ही राज्य के प्रभावित कुल 94 ग्र्रीड में सात को रिस्टोर कर लिया गया है। अधिकारी, कर्मचारी मुस्तैदी से जुट गए। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंंह, विकास आयुक्त एसके नेगी, डीजीपी पीके ठाकुर सब अपने-अपने स्तर से मानीटङ्क्षरग करने लगे। आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव अनिरुद्ध कुमार, सुनील कुमार, श्रीनिवास सिंह, विपिन राय, डा. गगन एक-एक बिंदू की जानकारी अपने सीनियर अधिकारियों को देने लगे। दिल्ली को अपडेट किया जाने लगा। आम लोगों की जिज्ञासा भी कम नहीं। हर क्षण फोन, हर क्षण जवाब।

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सरकार की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में होने वाली जरूरी बैठक को छोड़कर पटना लौट आए और अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा में जुट गए। मुख्यमंत्री न केवल बिहार में हुई तबाही पर बल्कि नेपाल में सैकड़ों मौतों पर भी संवेदना प्रकट की और कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ बिहार भी नेपाल को हर तरह की मदद देगा।

नौ जिलों में राहत टीम

राज्य के नौ जिलों में एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं। सुपौल, दरभंगा, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, पूर्णिया, गया, खगडिय़ा, मुंगेर आदि जिले शामिल हैं। एनडीआरएफ की टीम भी सक्रिय है।

किसे कितनी राहत

प्रत्येक मृतक के आश्रित को : चार- चार लाख

घायलों का इलाज : पूरी तरह मुफ्त

पहाड़ी इलाकों में पूरी तरह बर्बाद घर : एक लाख एक हजार 9 सौ

मैदानी इलाकों में पूरी तरह बर्बाद घर : 95100

झोपडिय़ों के लिए : 4100

15 फीसदी से कम डैमेज पर पक्का घर के लिए : 5200

कच्चा घर के लिए : 3200

गोशाला के लिए : 2100

पशु क्षति पर

गाय-भैंस : 30 हजार

भेड़-बकरी : 3 हजार

घोड़ा : 25 हजार

सबसे ज्यादा खतरनाक

आपदा प्रबंधन विभाग ने चार तरह के मकान में रहनेवाले लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी है।

1. कच्चा मकान

2. दरार वाला मकान

3. ऊंची बिल्डिंग

4. पुराना भवन

कहां करें संपर्क

किसी भी तरह की सूचना या सलाह लेने के लिए आप आपदा प्रबंधन विभाग के कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकते हैं। नंबर है- 0612-2217305


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