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खुले नाले में गिरा दस साल का बच्चा, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर रही तलाश

पटना के मोहनपुर-पुनाईचक के राजेश पथ नाले में जाली न लगी होने के कारण दस साल का बच्चा गिर गया। जिसकी तलाश चारी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद मांगी गई है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 03:01 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 06:34 PM (IST)
खुले नाले में गिरा दस साल का बच्चा, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर रही तलाश
खुले नाले में गिरा दस साल का बच्चा, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर रही तलाश

पटना, जेएनएन।  एसकेपुरी थाना क्षेत्र के मोहनपुर-पुनाईचक नाले में शनिवार की दोपहर दस वर्षीय दीपक गिर गया। देर शाम तक एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगभग सात फीट गहरे नाले में खोज करती रहीं, लेकिन बच्चे का कुछ पता नहीं चला। घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल और पटना नगर निगम की टीम तैनात है।

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बिगड़ी दीपक के पिता की तबीयत
नाला आनंदपुरी और राजापुर से जुड़ा है, इसकी लंबाई आठ से दस किलोमीटर के करीब है। फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इधर, घटना के बाद दीपक के माता-पिता की तबीयत बिगड़ गई है। दुल्हिन बाजार निवासी गुड्डू राम पुनाईचक में परिवार के साथ रहता है। बोरिंग रोड में ठेले पर पानी फल सिंघाड़ा बेचता है। शनिवार की दोपहर लगभग दो बजे उसका बेटा दीपक उसे खाने का डिब्बा देकर मोहनपुर-पुनाईचक नाले के किनारे होकर घर लौट रहा था। उसके साथ एक और बच्चा था। नाले के किनारे परती जमीन पर आसपास के घरवाले झूठन फेंकते हैं। जिसे खाने के लिए वहां कई गाय हर समय मौजूद रहती है।
नाली में पानी का बहाव है काफी तेज
जैसे ही दीपक रास्ते से निकलकर नाले की बाउंड्री पर चढ़ा ही था कि एक गाय सींग मार दी, जिससे दीपक नाले में गिर गया और दूसरा बच्चा परती जमीन पर। वहीं पास के रेलवे लाइन और आसपास के घरों की छतों पर मौजूद कुछ लोगों ने उसे गिरते देखा और चिल्लाने लगे। उस समय संप हाऊस चालू था जिससे नाले में पानी का काफी तेज बहाव था। देखते ही देखते दीपक अंदर ग्राउंड नाले में समा गया। लोगों ने इसकी सूचना  एसकेपुरी थाना पुलिस को दी।
सूचना पर बंद कराया गया संप हाऊस
सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार दिवाकर मौके पर पहुंचे और नगर निगम एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों को हादसे की जानकारी दी। पास में ही स्थित संप हाऊस में तैनात कर्मचारियों को भी लोगों ने घटना की सूचना दी। इसके बाद तुरंत संप हाऊस को बंद कर दिया। जिससे पानी का बहाव रुक गया। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन का काम शुरु किया गया। नाले में चार गोताखोरों को प्रवेश कराया गया, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के कारण वे दो मिनट से अधिक देर तक वे लोग अंदर नहीं नहीं टिक पाए।
ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ
नाले में घुसी टीम
इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन का काम शुरू किया गया। नाले में चार गोताखोरों को प्रवेश कराया गया, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के कारण वे दो मिनट से अधिक देर तक वे लोग अंदर नहीं नहीं टिक पाए। नाले के बदबूदार पानी में गैस बन रही थी। इसके बाद ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे वे लोग नाले में घुसे। काफी मशक्कत के बाद  गोताखोर दस फीट आगे तक पहुंचे। अंदर कचरे के साथ शीशे और पत्थर के टुकड़े मिल रहे थे। इसके कारण आगे जाने में कठिनाई हो रही थी। साथ ही सड़क से कई मैनहोल के ढक्कन हटाकर दीपक की खोजा गया। बावजूद अभी तक दीपक का कोई अता -पता नहीं चल पाया है। नाले की लंबाई काफी ज्यादा है।
तीन बहनों में एक इकलौता भाई है दीपक
दीपक तीन बहनों में इकलौता भाई है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। लोगों का हुजूम मौके पर मौजूद है। लोग दीपक की सलामती के लिए लोग दुआ कर रहे हैं। वहीं उसके परिजनों की हालत खराब है। उसकी तीनों बहनों का रो -रोकर बुरा हाल है। पिता गुड्डू राम और मां बदहवास होकर बेहोश हो जा रहे हैं। लोग दीपक के परिजनों को सांत्वना देने में लगे हैं।
 


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