रघुवर के बयान पर तेजस्वी का तंज - झारखंड बुलाकर छात्रों को शराब पिलायेंगे क्या?
रिजल्ट घोटाले के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपनी तीखी प्रतिक्रया दी थी उन्होंने कहा था कि झारखंड आ जाएं बिहार के बच्चे। इसपर बिहार में कोहराम मचा है।
पटना [वेब डेस्क]। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा बिहार के बच्चों को पढ़ाई के लिए आमंत्रित करने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा है कि रघुवर जी बिहार के होनहार छात्रों को झारखंड बुलाकर शराब पिलाना चाहते हैं क्या?
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में भाग लेने आज रांची पहुंचे तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के प्रतिभावान छात्रों को न्यौता देने से पहले रघुवर दास जी को आइआइटी और यूपीएससी का रिजल्ट देख लेना चाहिए। वे बिहार की प्रतिभा का मखौल उड़ा रहे हैं।
तेजस्वी ने कहा कि पहले तो बोलते थे बिहारियों को नौकरी नहीं देंगे। ये व्यापारियों की सरकार है। शिक्षा के झांसे के बहाने पैसा लूटना चाहते हैं रघुवर दास।
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लालू ने कहा - झारखंड में नहीं पढेंगे हमारे बच्चे
कल राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने भी रघुवर दास के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। लालू ने कहा कि बिहार के बच्चे झारखंड में नहीं पढ़ेंगे। रघुवर दास अपने राज्य में जैसी पढ़ाई करा रहे हैं, वे कराएं। राजद प्रमुख ने कहा कि रघुवर ने झारखंड में बिहारियों के साथ कैसा सलूक किया है, यह किसी से छुपा नहीं है। वर्षों से रहने वाले बिहारियों को वहां दूसरे दर्जे का नागरिक बना दिया गया है। उल्लेखनीय है कि रघुवर दास ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था की आलोचना करते हुए यहां के बच्चों को पढऩे के लिए झारखंड आमंत्रित किया था।
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जदयू ने भी किया पलटवार
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के बिहार में शिक्षा व्यवस्था में गिरावट संबंधी बयान पर रविवार को जदयू उबल पड़ा। पलटवार की कमान संभाली दो प्रवक्ताओं ने। नीरज कुमार और राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि रघुवर दास शराबबंदी को लेकर झारखंड में चल रहे अभियान को मिल रहे समर्थन से तिलमिला गए हैं। बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी शराबबंदी लागू करने के लिए चल रहे इस अभियान को महिलाओं ने आत्मसात किया है। नीतीश कुमार ने वहां जाकर अभियान को समर्थन दिया है।
साथ थे तब से आगे है बिहार
नीरज कुमार ने कहा कि झारखंड और बिहार जब एक थे, तब से बिहार शिक्षा के मामले में आगे रहा है। व्यक्तिगत तौर पर नीतीश कुमार भी बेहतर शिक्षण संस्थानों में पढ़े हैं। बिहार ज्ञान की भूमि है। किसी एक घटना (टॉपर घोटाला) के आधार पर बिहार का आकलन करने वालों को मुंह की खानी पड़ेगी। यह घोटाला ही एक नजीर बनेगा क्योंकि इस मामले में जो कार्रवाई की जा रही है वह एक मिसाल है।
झारखंड से आगे है बिहार
नीरज ने कहा कि भाजपा शासित राज्य में व्यापम घोटाला हुआ तो उसे प्रशासनिक विफलता कहा गया है। इस मामले को बिहार सरकार आपराधिक मामला मान रही है। बिहार वैसे भी झारखंड के मुकाबले शिक्षा के सभी मानकों में आगे है। चाहे नियोजित शिक्षकों का मामला हो या उन्हें वेतनमान देने की बात हो या फिर शैक्षणिक आधारभूत संरचना का मामला हो, बिहार सबमें आगे है।
राष्ट्रीय मानक देखे झारखंड
जदयू के अन्य प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि भाजपा के नेता किसी न किसी बहाने बिहार को बदनाम करने में लगे रहते हैं। कभी डीएनए तो कभी कानून-व्यवस्था और अब शिक्षा की स्थिति। शिक्षा के संबंध में हमें कोसने से पहले राष्ट्रीय मानक पर झारखंड की स्थिति देखें। बिहार में तो पिछले दस सालों में नीतीश कुमार ने शिक्षा की स्थिति राष्ट्रीय औसत तक पहुंचा दी है। चाहे वह शिक्षक-छात्र अनुपात का मामला हो या स्कूलों में नामांकन का।