दवा पैकेज :: धड़ल्ले से पाटलिपुत्र स्टेशन लाई जा रहीं 'नो टैक्स' दवाएं
- सेल्स टैक्स की नहीं हो रही छापेमारी, कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहा कारोबार
- सेल्स टैक्स की नहीं हो रही छापेमारी, कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहा कारोबार
----------
जागरण संवाददाता, पटना :
पाटलिपुत्र स्टेशन इन दिनों 'नो टैक्स' दवाओं की चरागाह बना हुआ है। इन दवाओं के कारोबारी मुंबई से आने वाली ट्रेनों के पार्सल वैन में पाटलिपुत्र के लिए माल बुक कराते हैं। इस स्टेशन पर कोई भी प्रशासनिक तंत्र नहीं है जो इन 'नो टैक्स' दवाओं को रोक सके। सेल्स टैक्स विभाग की ओर से इस स्टेशन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
सूत्रों की मानें तो इस तरह की दवाएं ट्रेन के रुकते ही तत्काल ब्रेक वान से उतार जी जाती हैं। पार्सल घर के पास ही गाड़ी खड़ी रहती है और सामान उतारते ही उसे गाड़ी में लाद दिया जाता है। ट्रेन काफी सुबह अंधेरा रहते ही पहुंच जाती है जिस कारण यहां कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं होता है। दवा कारोबारी के प्रतिनिधि ट्रेन के आने के पहले ही मौजूद रहते हैं और ट्रेन के आते ही माल उतारकर अपने गोदाम में लेकर चले जाते हैं।
कंपनी से सीधे दवा लाकर बेची जा रही है मंडी में :
महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में चलने वाली दवा कंपनियों से बड़े पैमाने पर नो टैक्स की दवाओं को पटना लाया जा रहा है। जिस दवा की कीमत बाजार में कर सहित 20 रुपये होती है वह नो टैक्स होने के कारण 8 रुपये में मिल जाती है। एक-एक वायल पर 12 रुपये तक की बचत हो जाती है। इस तरह की दवाओं को कंपनी से सीधे पटना लाया जाता है। कंपनी वाले ही इसकी आपूर्ति करते हैं।
दानापुर पार्सल से प्रतिबंधित दवाओं की लोडिंग :
दानापुर पार्सल ऑफिस से नई दिल्ली जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस से धड़ल्ले से प्रतिबंधित दवाएं किसी और के नाम बुक कर दिल्ली के लिए भेजी जा रही है। इन दवाओं को पहले पटना जंक्शन से भेजा जाता था परंतु वहां चार माह पूर्व जबरदस्त छापेमारी की गई थी। तब से प्रतिबंधित दवा ऑक्सीटॉसिन को दानापुर से ही बुक कर भेजा जा रहा है। यहां भी कोई छापेमारी की व्यवस्था नहीं की गई है।