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सुशील मोदी का नया खुलासा: BPSC अध्‍यक्ष व MLC बनाने के लिए भी राबड़ी ने ली जमीन

डिप्‍टी सीएम सुशील मोदी ने लालू परिवार के खिलाफ नया खुलासा किया है। उन्‍होंने बताया कि बीपीएससी का चेयरमैन और एमएलसी बनाने के बदले राबड़ी देवी के नाम पर जमीन लिखवायी गई थी।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sun, 20 Aug 2017 03:34 PM (IST)Updated: Mon, 21 Aug 2017 10:57 PM (IST)
सुशील मोदी का नया खुलासा: BPSC अध्‍यक्ष व MLC बनाने के लिए भी राबड़ी ने ली जमीन
सुशील मोदी का नया खुलासा: BPSC अध्‍यक्ष व MLC बनाने के लिए भी राबड़ी ने ली जमीन

पटना [जेएनएन]। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने रविवार को फिर राजद सुप्रीमो लालू यादव कुनबे से जुड़े नए भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) के अध्यक्ष और एमएलसी बनाने के बदले भी पटना में करोड़ों रुपये कीमत की छह कट्ठा जमीन ली। यही नहीं, जमीन लेने के तरीके में एक से बढ़कर एक नवाचार कर लालू जमीन की हेराफेरी के मामले में रॉबर्ट वाड्रा के भी गुरु बन गए।

बीपीएससी अध्यक्ष से ली थी जमीन
लालू ने रामाश्रय यादव को बीपीएससी का अध्यक्ष बनाने के एवज में मौजा सगुना, पटना में 6726 वर्ग फुट का दो प्लॉट वर्ष 1993-94 में लिखवा लिया था। जमीन लिखवाने के लिए मो. शमीम और उनकी पत्नी सोफिया तबस्सुम का लालू ने 'सरोगेट मदर' की तरह इस्तेमाल किया। 13 मई 2005 को मो. शमीम और उनकी पत्नी ने दोनों प्लॉट को पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से राबड़ी देवी को सुपुर्द कर दी।

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मो. शमीम से जमीन लेने के बदले उन्हें 1998 में राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में मनोनीत करवा गया। सुशील मोदी ने जमीन की हेराफेरी संबंधित कागजात दिखाते हुए कहा कि पावर ऑफ अटॉर्नी के दस्तावेज में लिखा है कि राबड़ी देवी उनकी जमीन की देखभाल करेंगी।

दूसरे की जमीन की देखभाल क्यों
सुशील मोदी ने राबड़ी देवी पर तंज कसते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की जमीन को दूसरे लोग देखभाल करते हैं, लेकिन यहां पूर्व मुख्यमंत्री दूसरों की जमीन की देखभाल करती हैं, मानों वह चौकीदार हों। मोदी ने तेजस्वी पर भी हमला बोला। कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे परिवार के सदस्य तेजस्वी को गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना देने में शर्म नहीं आती है।

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कौन थे रामाश्रय यादव
राबड़ी देवी जब मुख्यमंत्री थीं, तब रामाश्रय यादव को बिहार लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष बनाया गया था। बाद में यादव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। तत्कालीन राज्यपाल ने उन्हें निलंबित कर दिया था। 

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