समाजवादियों की खींचतान में गिरी थी कर्पूरी सरकार: मोदी
शरद यादव को सुबुद्धि दें गणपति
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर गरीबों के कद्दावर नेता थे। वह दो बार जनसंघ के समर्थन से मुख्यमंत्री बने। जब वे दूसरी बार मुख्यमंत्री बने, तब उनकी सरकार जनसंघ के कारण नहीं, बल्कि समाजवादियों की आपसी खींचतान के चलते गिरी थी। कर्पूरी सरकार में शामिल जनसंघ ने अगर पिछड़ों को 26 फीसद आरक्षण देने के प्रस्ताव का विरोध किया होता, तो वह प्रस्ताव पास भी नहीं होता।
मोदी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतिहास झुठलाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि समाजवादियों के जिस जनता परिवार की एकता में वे लगे हैं, उसका असली चेहरा सामने नहीं आए। 1970 में समाजवादी तो रामानंद तिवारी को नेता चुनना चाहते थे, लेकिन जनसंघ ने कर्पूरी जी के साथ खड़े होकर उनके मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त किया था। यही पिछड़ा-विरोधी चरित्र दिसंबर 1977 में भी सामने आया, जब तत्कालीन जनता पार्टी में शामिल समाजवादी खेमा सत्येंद्र नारायण सिन्हा को मुख्यमंत्री बनाना चाहता था। उस समय जनसंघ के समर्थन से कर्पूरी ठाकुर दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे।
भाजपा नेता ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने जनसंघ के समर्थन से जो आरक्षण फार्मूला लागू किया था, उसमें ऊंची जाति के गरीबों और महिलाओं को 3-3 फीसद आरक्षण देने का प्रावधान था। लालू प्रसाद की सरकार ने कर्पूरी ठाकुर की आरक्षण नीति को कूड़ेदान में डालकर उनका अपमान किया। इस मुद्दे पर केंद्र से मांग करने से पहले नीतीश कुमार क्यों नहीं अपनी पार्टी की सरकार से कर्पूरी फार्मूला लागू करा पा रहे हैं?
मोदी ने कहा नीतीश कुमार पहले तो प्रधानमंत्री बनने की अपनी दबी महत्वाकांक्षा से इनकार कर रहे थे, लेकिन अब वे इसे स्वीकार करते हुए पूछ रहे हैं इसमें गुनाह क्या है। महत्वाकांक्षा के लिए भाजपा से गठबंधन तोड़कर जनादेश का अपमान करना उनका पहला गुनाह था और लालू प्रसाद से मिलकर बिहार की जनता पर जंगलराज-2 थोपना दूसरा गुनाह। लोगों ने लोकसभा चुनाव में उन्हें पहले गुनाह की सजा दी और दूसरे गुनाह की सजा विधानसभा चुनाव में मिलने वाली है।
शरद यादव को सुबुद्धि दें गणपति
मोदी ने कहा शरद यादव से अपनी पार्टी तो संभल नहीं रही है, वे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर टिप्पणी कर रहे हैं। गणपति शुभ हैं। उनकी पूजा के बिना कोई कार्य सफल नहीं होता। एक न एक दिन समाजवादियों को भी गणपति के सामने झुकना पड़ेगा। हमारी कामना है, गणपति शरद यादव और नीतीश कुमार को सुबुद्धि प्रदान करें। भाजपा ने तो गणपति को साक्षी रखकर बिहार को जंगलराज से मुक्ति दिलाने का अभियान शुरू कर दिया है।