सिमुलतला विद्यालय को नहीं मिल रहे अंग्रेजी और साइंस के शिक्षक
सूबे में नेतरहाट की तर्ज पर संचालित सिमुलतला आवासीय विद्यालय को कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं।
पटना । सूबे में नेतरहाट की तर्ज पर संचालित सिमुलतला आवासीय विद्यालय को कई विषयों के शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। 18 जून को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक प्रभाग में 12 शिक्षकों को अनुबंध पर रखने के लिए साक्षात्कार हुआ था, जिसमें अंग्रेजी और साइंस विषयों के लिए एक-एक तथा कॉमर्स के लिए चार अभ्यर्थी ही साक्षात्कार के लिए पहुंचे। अन्य विषयों के लिए पहुंचे अभ्यर्थियों का अनुभव और योग्यता तय स्तर के अनुरूप नहीं होने से स्कूल प्रशासन हलकान है। 2011 से बायोलॉजी और केमिस्ट्री के स्थायी शिक्षक नहीं है। अनुबंध पर या दूसरे विषयों के शिक्षकों से कोर्स पूरा कराया जा रहा है।
अनुबंध शिक्षकों के भरोसे 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस'
शिक्षा विभाग सिमुलतला आवासीय विद्यालय को 'सेंटर ऑफ एक्सेलेंस' घोषित कर रखा है लेकिन, शिक्षकों की संख्या सामान्य मानक को भी पूरा नहीं कर रहा है। इस कारण हर साल आठ से 10 शिक्षक अनुबंध पर बहाल किए जाते हैं। पिछले छह साल में चार शिक्षक स्कूल छोड़ चुके हैं। आवासीय होने के बाद वार्डन बहाल नहीं किए गए हैं। हॉस्टल की जिम्मेदारी भी शिक्षकों के भरोसे है।
माध्यमिक में सात और प्लस टू में छह की जरूरत
प्राचार्य सहित 19 शिक्षक स्थायी तौर पर स्कूल में कार्यरत हैं। इस सत्र में सुचारु रूप से कक्षाएं संचालित करने के लिए कम से कम टीजीटी और पीजीटी के छह-छह और एक टीजीटी शारीरिक शिक्षक अनिवार्य हैं। पीजीटी में केमिस्ट्री, बायोलॉजी, इतिहास, अर्थशास्त्र, कॉमर्स, अंग्रेजी तथा टीजीटी में फिजिक्स, बायोलॉजी, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, संस्कृत, स्पोकेन इंग्लिश के शिक्षक नहीं हैं।
शिक्षकों के अभाव में पांच सेक्शन बंद
2013 तक कक्षा छह से 10 के लिए चार-चार सेक्शन संचालित थे। शिक्षकों के अभाव में 2014 से सभी वर्गो के एक-एक सेक्शन बंद कर दिए गए। 40-40 विद्यार्थियों के तीन सेक्शन अभी सभी कक्षाओं में संचालित किए जा रहे हैं। 2014 और 2016 में स्कूल में प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित नहीं की गई थी। इस साल कक्षा छह, सात और नौवीं में प्रवेश के लिए प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जा चुकी है।
26 हजार में कैसे मिलेंगे योग्य शिक्षक
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि विभाग ने केवल कागज पर इसे 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' घोषित किया है। अनुबंधित शिक्षकों को 26 हजार रुपये मानदेय के रूप में देने की व्यवस्था है। इतनी कम राशि में 24 घंटे के लिए योग्य शिक्षक मिलना मुश्किल है।
स्थायी शिक्षक भी मानदेय पर कर रहे काम
स्कूल में स्थायी रूप से सेवा दे रहे शिक्षकों को भी मानदेय के रूप नीयत राशि दी जा रही है। हर साल मानदेय में तीन फीसद की वृद्धि की जाती है। शिक्षकों का कहना है कि मानदेय कम होने के कारण भी बेहतर शिक्षक अब स्कूल से जुड़ना नहीं चाहते हैं। आठ-नौ साल के बाद भी नियुक्त शिक्षक स्थायी हैं या अस्थायी किसी को पता नहीं। किसी शिक्षक को सेवा शर्त पुस्तिका नहीं मिली है।
अंग्रेजी माध्यम से होती है पढ़ाई
सिमुलतला आवासीय विद्यालय में पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होती है। शिक्षकों का कहना है कि स्कूल में नामांकन लेने वाले 95 फीसद बच्चे ग्रामीण परिवेश के होते हैं। उन्हें अंग्रेजी माध्यम के अनुकूल बनाने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। कक्षा सात तक शिक्षक और बच्चों को थोड़ी ¨हदी में बात करने की अनुमति होती है। इसके बाद अंग्रेजी में ही सभी कार्य संपादित किए जाते हैं।
कोट
संसाधन और शिक्षकों की कमी के कारण स्कूल प्रबंधन में थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है लेकिन, इसका असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर नहीं होने दिया जा रहा है। स्कूल का मानक उच्च स्तर का है। इसे हरहाल में कायम रखने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ. राजीव रंजन, प्राचार्य, सिमुलतला आवासीय विद्यालय, जमुई