शहाबुद्दीन ने कहा - CCA लगाना हो लगा लें... मैं तो अपने तरीके से जीता हूं
जेल से रिहा होने के बाद अपने गांव प्रतापपुर में रह रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जिसे जो करना हो करे मेरे ऊपर सीसीए लगाए लेकिन मैं अपने तरीके से जीता हूं।
पटना [वेब डेस्क]। राजद नेता और पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन ने एक बार फिर नीतीश सरकार पर हमला किया है। सीएम नीतीश को निशाने पर लेते हुए शहाबुद्दीन ने कहा कि सरकार को उनके खिलाफ जो करना है करे। उन्होंने कहा कि सरकार अगर सीसीए (क्राइम कंट्रोल एक्ट) लगाना चाहती है तो लगाए, लेकिन मैं अपने तरीके से जीता हूं।
शहाबुद्दीन ने गुरुवार को जेल से बाहर आते ही लालू प्रसाद यादव की तारीफ की थी, लेकिन ये भी साफ कर दिया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बीच कभी अच्छे संबंध नहीं रहे। सीवान से चार बाद सांसद रहे विवादास्पद नेता ने कहा था, ‘मेरे लिए लालू प्रसाद नेता हैं और नीतीश कुमार परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं।’
जदयू की बैठक में सीसीए लगाने की हुई थी बात
सीएम नीतीश कुमार ने जमानत पर रिहा हुए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को लेकर सोमवार को बैठक बुलाई, जिसमें इस बाहुबली नेता पर क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) लगाने पर विचार हुआ। सीसीए लगने पर शहाबुद्दीन को दोबारा जेल जाना पड़ेगा।
कहा था प्रशांत भूषण वकील हैं जाएं सुप्रीम कोर्ट
जेल से रिहा होने के बाद राजद नेता सह पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन आजकल अपने पैतृक गांव प्रतापपुर में रह रहे हैं। मीडिया से मुखातिब शहाबुद्दीन ने सोमवार को कहा कि प्रशांत भूषण वकील हैं और वो सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट ऑर्डर को चुनौती दे रहे हैं, मुझे चुनौती नहीं दे रहे, उन्हें अपना काम करने दीजिए।
मीडिया पर लगाया आरोप
शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार के खिलाफ दिए गए बयान और लालू को अपना नेता मानने वाली बात पर अपनी सफाई दी और कहा कि मेरे नेता लालू यादव हैं मैंने एेसा कहा तो क्या गलत कहा? इसे लेकर गलत तरीके से मीडिया में प्रचार किया गया। मेरे बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।
राजदेव हत्याकांड पर कहा- शक हो तो दे आवेदन
शहाबुद्दीन ने पत्रकार राजदेव हत्याकांड मामले पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर किसी को मुझपर शक है तो मेरा नाम आवेदन में देना चाहिए था। दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन के बारे में उन्होंने कहा कि वो गृहमंत्री के यहां जाती हैं तो मेरा नाम लेती हैं और यहां आती हैं तो मेरा नाम नहीं लेती हैं।
राजदेव की पत्नी को सिवान में ही डर लगता है?
आशा रंजन गृह मंत्री के यहां जाती है तो क्या उनका डर खत्म हो जता है और यहां आने पर उन्हें डर लगता है। आखिर एेसा क्यों हो रहा है। पत्रकार हत्याकाण्ड में पूरा इन्वेस्टिगेशन तो एक बार बिहार पुलिस भी कर चुकी है। अब जो करना हो करे, मेरे बारे में एेेसे ही बोला जा रहा है।