DSP से यौन शोषण मामले में IPS पुष्कर आनंद को राहत, गिरफ्तारी पर दो मई तक रोक
आरा स्थित एमएमपी (घुड़सवार दस्ता) के कमांडेंट पुष्कर आनंद को कैमूर की जिला अदालत ने बड़ी राहत दी है। यौन शोषण के मामले में उनकी गिरफ्तारी पर अदालत ने दो मई तक के लिए रोक लगा दी है।
पटना। आरा स्थित एमएमपी (घुड़सवार दस्ता) के कमांडेंट पुष्कर आनंद को कैमूर की जिला अदालत ने बड़ी राहत दी है। यौन शोषण के मामले में उनकी गिरफ्तारी पर अदालत ने दो मई तक के लिए रोक लगा दी है। आइपीएस पुष्कर आनंद पर कैमूर में एसपी रहते हुए पुलिस उपाधीक्षक स्तर की एक महिला पुलिस अधिकारी को शादी का झांसा देकर यौन उत्पीडऩ करने का आरोप है।
अब दो मई को सुनवाई
कैमूर के पूर्व एसपी पुष्कर आनंद की अग्रिम जमानत के आवेदन पर अब दो मई को सुनवाई होगी। बीते दिन जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अग्रिम जमानत के उनके आवेदन को एडीजे प्रथम की अदालत में स्थानांतरित कर दो मई को सुनवाई करने का आदेश दिया।
सुनवाई की तिथि तक एसपी की गिरफ्तारी पर रोक लगी रहेगी। इसके पहले जिला जज की अदालत ने पुष्कर आनंद की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 29 अप्रैल तक रोक लगा दी थी। 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान अदालत ने सुनवाई के लिए दो मई की तिथि निर्धारित की।
यह है मामला
- 2009 बैच के आइपीएस अधिकारी और कैमूर के तत्कालीन एपसी पुष्कर आनंद पर कैमूर में ही पदस्थापित एक महिला पुलिस अधिकारी को शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण करने का आरोप है। महिला पुलिस अधिकारी ने इस बाबत 29 दिसंबर, 2014 को कैमूर के एक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।
- इसके बाद मामले की जांच के लिए राच्य पुलिस मुख्यालय के स्तर पर तीन वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों की एक कमेटी का गठन किया गया। कमेटी ने अपनी जांच में पुष्कर आनंद को दोषी पाया।
- महिला पुलिस अधिकारी ने जांच कमेटी के सामने कई साक्ष्य उपलब्ध कराए। उन साक्ष्यों की फोरेंसिक जांच में पुष्टि हो चुकी है।
- पुष्कर को तत्काल स्थानांतरित कर आरा स्थित एमएमपी (घुड़सवार दस्ता) के कमांडेंट के पद पर तैनात कर दिया गया। फिलहाल वे इसी पद पर हैं।
- महिला पुलिस अधिकारी को भी बीएमपी, कटिहार भेज दिया गया।
- हाल ही में पुष्कर आनंद पर लगे आरोपों की पुष्टि करते हुए डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा था कि उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।