Move to Jagran APP

खादी व सिल्क की जगह प्लास्टिक के झंडे की बिक्री

खादी व सिल्क की जगह प्लास्टिक के झंडे की बिक्री

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 26 Jan 2015 12:10 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jan 2015 12:15 PM (IST)
खादी व सिल्क की जगह प्लास्टिक के झंडे की बिक्री

पटना सिटी : गणतंत्र दिवस के मौके पर आन-बान-शान से लहराने के लिए राष्ट्र ध्वज एवं तिरंगे के रंगों वाले अन्य सामग्रियों की बिक्री सिटी की थोक मंडियों में धड़ल्ले से जारी है।

prime article banner

खाजेकलां थाना क्षेत्र के मच्छरहट्टा स्थित कई दुकानों में नियमों को ताक पर रख कर खादी व सिल्क की जगह टेरीकाट, साटन व प्लास्टिक से निर्मित तिरंगे की बिक्री जोरों पर है। बिक्री के दौरान ध्वज के सम्मान पर न कारोबारी और न ही खरीदार का ध्यान है। प्रशासन की माने तो पूरे देश में सिर्फ खादी के कपड़े पर ही डोरी सहित राष्ट्रीय ध्वज को बनाकर बेचने की मंजूरी है। कानूनन अशोक चक्र का प्रयोग करने का अधिकार चुनिंदा कंपनियों के पास ही है। प्लास्टिक व टेरीकाट से बने तिरंगे में कोई साइज नहीं होता।झंडा बेच रहे दुकानदारों का कहना है कि खादी कपड़े के बने तिरंगे से काफी सस्ते दाम पर टेरीकाट, प्लास्टिक व साटन के तिरंगे मिल जाते हैं। इस कारण उसकी बिक्री अधिक है। थोक कारोबारियों की माने तो सीजन में लगभग सवा करोड़ से अधिक तिरंगे की बिक्री हो जाती है। रविवार होने के बावजूद साटन का बना तिरंगा 15 से 50 रुपए, प्लास्टिक से बना तिरंगा 50 पैसे से लेकर 5 रुपए प्रति पीस व कागज का बना तिरंगा 20 से 40 पैसे प्रति पीस बिकता रहा। वहीं खादी के झंडे 50 से लेकर 500 रुपए के बीच बिकते रहे, जबकि सिल्क का तिरंगा 200 से लेकर 3500 रुपए के बीच बिकने की बात कही गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.