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अलकतरा घोटाले में राजद नेता इलियास हुसैन सहित पांच बरी, जानिए पूरा मामला

राजद नेता और पूर्व सांसद इलियास हुसैन को सीबीअाइ की अदालत ने अलकतरा घोटाला मामले में बरी कर दिया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 24 May 2017 11:48 AM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 11:44 PM (IST)
अलकतरा घोटाले में राजद नेता इलियास हुसैन सहित पांच बरी, जानिए पूरा मामला
अलकतरा घोटाले में राजद नेता इलियास हुसैन सहित पांच बरी, जानिए पूरा मामला

पटना [जेएनएन]। अलकतरा घोटाले के मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश सर्वजीत ने शुक्रवार को साक्ष्य के अभाव में पूर्व पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन सहित पांच को बरी कर दिया। वहीं अदालत ने मामले में छठा आरोपी व कोलकाता की कॉस्मो ट्रांसपोर्ट के मालिक कृष्ण कुमार केडिया को तीन वर्ष की सश्रम कारावास व 4.5 लाख रुपये जुर्माना लगाया है।

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मामले में सीबीआइ की ओर से विशेष लोक अभियोजक एएच खान ने बहस की। प्राथमिकी के बीस वर्ष बाद फैसला आया है। सीबीआइ मुकदमे में अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा को साबित करने में असफल रही।

पूर्व मंत्री इलियास के अलावा तत्कालीन उप निदेशक मुजतबा अहमद, सेक्शन ऑफिसर रामाधार ठाकुर व शोभा सिन्हा और ट्रांसपोर्टर प्रवीण छारिया बरी हुए। मामला सुपौल पथ निर्माण विभाग से जुड़ा है। अलकतरा घोटाला 43.29 लाख रुपये का है। घोटाले की चेक अवधि 21 फरवरी 1992 से 29 जनवरी 1996 की है। 

पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआइ ने 5 मई 1997 को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसके पूर्व सुपौल पथ निर्माण विभाग के तत्काल कार्यपालक अभियंता ओम प्रकाश प्रसाद ने सुपौल थाना में घोटाला को लेकर एक अक्टूबर 1996 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

सीबीआइ ने आठ आरोपियों के खिलाफ 23 फरवरी 2005 को आरोप पत्र दायर किया। आठ में पथ निर्माण विभाग के तत्कालीन निदेशक जर्नादन शर्मा की मृत्यु ट्रायल के दौरान हो गई। वहीं एक चार्जशीटेड आरोपी महेश्वरी प्रसाद जो केडिया का कर्मचारी था, सरकारी गवाह बन गया।

बता दें कि पथ को निर्माण के लिए हलदिया से उठाकर जो अलकतरा सुपौल स्थित पथ निर्माण विभाग को सौंपा जाना था। बीच में अलकतरा गायब हो गया। 

श्रम मंत्री की नहीं हुई गवाही
मानहानि के मामले में सीजेएम की अदालत में श्रम मंत्री विजय प्रकाश की गवाही नहीं हुई। वह कोर्ट में हाजिर हुए थे। अदालत ने अगली कार्रवाई के लिये रिकॉर्ड को एसीजेएम कृष्ण मोहन तिवारी की अदालत में भेज दिया है।

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बता दें कि भाजपा नेता सुशील मोदी ने बयान दिया था कि श्रम मंत्री द्वारा भयादोहन की वजह से पाटलीपुत्रा स्थित हीरा तराशने की फैक्ट्री बंद पड़ी है। इसी को लेकर श्रम मंत्री ने परिवाद दायर किया था।

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