RJD का SuMo से सवाल, DyCM बनने के लिए आडवाणी को दिए थे कितने करोड़?
लालू प्रसाद पर हमलावर सुशील मोदी पर राजद ने भी पलटवार किया है। राजद ने पूछा है कि सुशील मोदी बताएं कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद के लिए लालकृष्ण आडवाणी को कितने करोड़ दिए थे।
पटना [राज्य ब्यूरो]। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर लगातार हमलावर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (सुमो) पर राजद ने भी पलटवार किया है। राजद प्रवक्ता मनोज झा ने पूछा कि सुमो यह बताएं कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री बनने के लिए लालकृष्ण आडवाणी को कितने करोड़ रुपये दिए थे?
विदित हो कि सुमो ने बीते दो दिनों के भीतर लालू पर मंत्री बनाने के लिए मकान व जमीन लेने के दो आरोप लगाए हैं। सुमो ने कहा है कि लालू ने रघुनाथ झा को केंद्रीय मंत्री बनवाने के बदले उनका गाेपालगंज स्थित मकान ले लिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांति सिंह को मंत्री बनाने के लिए लालू ने उनसे पटना की बेशकीमती जमीन चंद रुपयों में 99 साल के लीज पर ली। राजद प्रवक्ता इसके बाद सुमो पर हमलावर थे।
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि सुमो सुबह कुछ, दोपहर में कुछ और शाम को कुछ और बड़बड़ाते हैैं। कहा कि जब किसी व्यक्ति का राजनीतिक चिंतन दिवालिएपन की हदें पार कर जाए तो वह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं में भी फरेब ढूढऩे की असफल कोशिश करता है। दरअसल सुमो अपने दल में राजनीतिक हैसियत खो चुके हैैं। एक बार फिर से झूठ और अफवाह को ढाल बनाकर 2018 में विधान परिषद की सदस्यता येन-केन प्रकारेण हासिल करना चाहते हैैं।
झा ने कहा कि पूरा बिहार यह जानता है कि आशियाना होम्स लिमिटेड और आशियाना लैैंडक्राफ्ट रियल्टी लिमिटेड की शेल कंपनियों के बारे में विस्तार से हमने यह बात रखी थी कि सक्षम एजेंसी से इनकी निष्पक्ष जांच हो। उसकी जद में सुशील कुमार मोदी स्वाभाविक रूप से आ जाएंगे। हजारों करोड़ रुपये की मनी लाउंड्रिंग की हमने सिर्फ दो शुरूआती मिसाल दी थी, लेकिन सुशील मोदी उसपर आपराधिक चुप्पी साधे बैठे हैैं। जिस पते पर इन दोनों कंपनियों का मकडज़ाल है उसके बारे में सुशील कुमार मोदी को पता है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा यह मानती है कि बिहार में उसकी हार के खलनायक सुशील मोदी हैैं। उन्होंने भारी-भरकम थैली सौैंपने वाले को टिकट थमा दी। उन्हीं थैलियों का परिणाम है कि उनके भाई राजकुमार मोदी के आशियाना होम्स जैसे एक ही पते पर सैैकड़ों खोखा कंपनियां हैं जिनका वे जिक्र नहीं करना चाहते।