महागठबंधन में तनाव चरम पर, JDU के कड़े फैसले की आहट से RJD में बेचैनी
बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन में तनाव चरम पर है। राजद ने ढिप्टी सीएम तेजस्वी के इस्तीफे से इन्कार के बाद अब जदयू के कड़े फैसले की आहट से बेचैनी बढ़ी है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन में सुलह-समझौते की कोशिशें नाकाम दिख रही हैं। झगड़ा अब जदयू के बड़े और कड़े फैसले पर आकर टिक गया है। लालू प्रसाद यादव ने साफ कर दिया है कि डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव इस्तीफा नहीं देंगे। उधर, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस वाले स्टैंड पर जदयू भी अड़ा है। जदयू की आज होने वाली बैठक में इस बाबत किसी 'कड़े फैसले' की संभावना है।
रेल होटल घोटाले में लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार के खिलाफ सीबीआइ छापे के बाद जदयू ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को सफाई देने का जो अल्टीमेटम दिया था, उसकी मियाद शनिवार को खत्म हो चुकी है। शनिवार को भी इसं संबंध में राजद व जदयू के बीच बयानबाजी हुई। जदयू ने कड़े फैसले का संकेत दे दिया है। इससे राजद खेमे में बेचैनी बढ़ गई है।
इस बीच रणनीति पर चर्चा के लिए बीती रात तक लालू के आवास पर उनके दल के छोटे-बड़े नेता जुटते रहे। नेताओं का आना-जाना आज सुबह भी जारी है।
चार दिनों की मियाद खत्म
लालू प्रसाद के आवास पर सीबीआइ छापे के बाद जदयू ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से चार दिनों के भीतर तथ्यों के साथ प्रामाणिक सफाई मांगी थी। किंतु समय सीमा खत्म होने के एक दिन पहले लालू ने तेजस्वी के इस्तीफे से साफ इन्कार कर गेंद जदयू के पाले में ही डाल दी है। सुलह के रास्ते बंद दिख रहे हैं। सबको अगले कदम का इंतजार है। हालांकि, दोनों तरफ से महागठबंधन को अटूट-एकजुट बताने की होड़ भी है, लेकिन साथ ही असंयमित बयान देने में कोई पीछे नहीं है।
कार्यक्रम में नहीं पहुंचे तेजस्वी
शनिवार को पटना के ज्ञान भवन में महागठबंधन के दो घटक दलों की दूरियां और बढ़ती दिखी। कौशल विकास से संबंधित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव को भी शिरकत करना था। नीतीश पहुंच गए, लेकिन तेजस्वी नहीं आए। मंच पर उनकी सीट के आगे लगी नेमप्लेट पहले ढक दी गई, बाद में उसे हटा लिया गया। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं।
अमूमन किसी कार्यक्रम में सीएम के आने के पहले डिप्टी सीएम पहुंच जाया करते थे, लेकिन शनिवार को ऐसा नहीं हुआ। नहीं आने की सूचना भी आखिरी वक्त तक नहीं दी गई।
नेताओं पर कड़े प्रहार
दोनों दलों के प्रवक्ताओं ने बड़े नेताओं पर भी प्रहार किए। जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने लालू प्रसाद को दीवार पर लिखी चीजें पढ़ने की सलाह दी। श्याम रजक ने लालू को बुजुर्ग बताकर अनाप-शनाप बोलने से परहेज करने की हिदायत दी है। लालू की नसीहत के बावजूद राजद ने भी पलटवार किया है।
विधायक भाई वीरेंद्र एवं देवनारायण ने जदयू प्रवक्ताओं पर भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगाया। भाई वीरेंद्र ने राजद से जदयू को फिर श्रेष्ठ बताया और नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर कहा कि हमने छोटे भाई को ताज सौंपा था। अब ताज की रखवाली करने की पूरी जवाबदेही छोटे भाई की है।
चार दिनों तक गर्म रहेगी सियासत
बिहार की सियासत में अगले चार दिन बहुत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। शुरू के दो दिन राष्ट्रपति चुनाव की गहमागहमी रहेगी तो अगले दो दिन संभावनाओं-कयासों की। संयुक्त विपक्ष की प्रत्याशी मीरा कुमार के समर्थन में महागठबंधन के दो दलों राजद-कांग्रेस के विधायकों की संयुक्त बैठक अलग होगी और उसमें लालू प्रसाद भी रहेंगे, जबकि राजग प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के समर्थन में जदयू की बैठक नीतीश कुमार लेंगे।
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बोल नहीं रहे नीतीश
ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम से लौटने के क्रम में मीडिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे के बारे में बात करनी चाही। इस पर मुख्यमंत्री ने मीडिया के लोगों से हाथ जोड़कर कहा कि आप लोगों को विश्व युवा कौशल दिवस की बधाई। इसके बाद वह निकल गए।
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