Result Scam : ऊषा सिन्हा बोलीं, प्रताड़ित करोगे तो सुसाइड कर लूंगी
रिजल्ट घोटाले में फंसी ऊषा सिन्हाने पुलिस की कड़ी पूछताछ में परेशान होकर यह कह दिया कि तुम लोग प्रताड़ित करोगे, तो मैं तुम लोगों के नाम से सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर लूंगी
पटना [जेएनएन]। बिहार बोर्ड के रिजल्ट घोटाले में गंगा देवी महिला विद्यालय की निलंबित प्राचार्य और पूर्व विधायक ऊषा सिन्हा एसआइटी के सवालों से ज्यादा गर्मी से बेचैन हैं। उन्होंने कई बार कहा कि एसी कमरे में लेकर चलो, तब जवाब दूंगी। वरना जहां मन करे, बिठाकर रखो, कुछ नहीं बोलूंगी।
पुलिस ने थोड़ी सख्ती बरती तो गर्मी से बेचैन ऊषा सिन्हा ने यह कह दिया कि तुम लोग प्रताड़ित करोगे, तो मैं तुम लोगों के नाम से सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर लूंगी। दूसरी ओर घोटाले के किंगपिन बच्चा राय को सामने लाने पर लालकेश्वर की घिग्घी बंध गई। वह सीने पर हाथ रखकर दिल में दर्द उठने की शिकायत करने लगे। डॉक्टर ने जांच की।
पढ़ें - रिजल्ट घोटाला: बच्चा, लालकेश्वर या प्रॉडिकल साइंस वाली 'रुबी राय' ...गुनहगार कौन?
बोली, फर्जीवाड़ा के बारे में लालकेश्वर से पूछिए
एसआइटी की पूछताछ में ऊषा सिन्हा ने बोर्ड में धांधली का ठीकरा अपने पति व बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के सिर फोड़ दिया है। एसआइटी की अधिकारी की मानें तो पहले दिन ऊषा के तेवर में गरम थे, लेकिन जब उनके दोषी होने के सबूत रखे गए तो उन्होंने सारी तोहमत लालकेश्वर पर जड़ दी।
ऊषा ने कहा कि सत्ता दल की विधायक होने के नाते अक्सर निजी कॉलेज के संचालक उनसे मुलाकात कर पैरवी करते थे। किसी को निराश न होना पड़े इसलिए वह पति को कहती थी, 'जरा देख लीजिएगा। अब बोर्ड आफिस में लालकेश्वर कॉलेजों के संचालकों से क्या डील करते थे, कैसे अंक बढ़ाए जाते थे, इन सब बातों की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। फर्जीवाड़ा का खेल किस तरह से चल रहा था, इसके बारे में लालकेश्वर ही बता सकेंगे।
पढें - रिजल्ट स्कैम : साक्ष्य मिटाने के लिए लगाई जाती थी आग, जलाई जाती थीं कॉपियां
डीएसपी ने रचा इमोशनल ड्रामा
ऊषा ने पुलिस को भी खूब छकाया। उससे जब पूछा गया कि आप क्यों फरार हो गईं और कब शहर छोड़ा? तो ऊषा बोली, पति लालकेश्वर की तबीयत बिगड़ गई थी। उनकी देखभाल के लिए साथ गई थी। हालांकि उसने शहर छोडऩे की तिथि सही नहीं बताई। उनका बयान मोबाइल के टावर लोकेशन से नहीं मिल रहा था।
इस पर सिटी एसपी (पूर्वी) सायली धूरत सबलाराम ने सख्त रवैया अपनाया तो ऊषा गुस्से से आग-बबूला हो गईं। तब प्रशिक्षु डीएसपी वंदना ने ईमोशनल ड्रामा रचा। उन्होंने ऊषा से कहा कि सभी आरोपियों ने आपके खिलाफ बयान दिया है और साक्ष्य भी मिल गए हैं। अगर आपने सच्चाई नहीं बताई तो कई सालों तक जेल में रहना होगा। डीएसपी की बातों से प्रभावित होकर ऊषा ने कुछ सवालों का सही-सही जवाब दिया।
बच्चा को देख लालकेश्वर घबराए
इधर घोटाले के मुख्य आरोपी विशुन राय कॉलेज के संचालक सह प्राचार्य अमित कुमार उर्फ बच्चा राय समेत बिहार बोर्ड की गोपनीय शाखा के प्रशाखा पदाधिकारी शंभूनाथ दास और सहायक रणजीत कुमार मिश्रा को एसआइटी ने 24 घंटे के लिए रिमांड पर ले लिया।
देर शाम तीनों को बीएमपी में मास्टरमाइंड बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद से सामना कराया गया। उनके विरोधाभासी बयान पर सवालों की बौछार की गई। हर सवाल के बाद डॉक्टर उनका ब्लडप्रेशर नाप रहे थे। लालकेश्वर की उम्र और सेहत के मद्देनजर पुलिस सख्ती बरतने से परहेज कर रही है।
पुलिस ने 22 जून को लालकेश्वर प्रसाद, ऊषा सिन्हा और उनके रिश्तेदार प्रभात जायसवाल को तीन दिन की रिमांड पर लिया था। लालकेश्वर और प्रभात को बीएमपी में रखकर पूछताछ की गई, जबकि ऊषा को महिला थाने में रखा गया है। दो दिन तक ऊषा की लालकेश्वर से मुलाकात नहीं कराई गई।
चौतरफा घिरे लालकेश्वर
11 जून को हाजीपुर से गिरफ्तारी के बाद विशुन राय कॉलेज के संचालक सह प्राचार्य अमित कुमार उर्फ बच्चा राय को एसआइटी ने 48 घंटों की रिमांड पर लिया था। इस दौरान उसने भी खुद को निर्दोष बता सारा इलजाम तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के सिर पर डाल दिया था। उसके अलावा गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों ने भी लालकेश्वर को ही दोषी ठहराया था।